यह पहला आंदोलन, जिसे महिलाओं के नाम से याद किया जाएगा : योगेंद्र यादव

रांची : स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव शनिवार को रांची में थे. उन्होंने सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ चल रहे अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित किया. योगेंद्र यादव ने कहा कि यह पहला आंदोलन है, जो महिलाओं के नाम से याद किया जायेगा. आज शाहीन बाग जज्बे का नाम है. कडरू हज हाउस का […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 26, 2020 2:16 AM

रांची : स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव शनिवार को रांची में थे. उन्होंने सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ चल रहे अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित किया. योगेंद्र यादव ने कहा कि यह पहला आंदोलन है, जो महिलाओं के नाम से याद किया जायेगा. आज शाहीन बाग जज्बे का नाम है. कडरू हज हाउस का यह इलाका भी शाहीन बाग बन चुका है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को सिर्फ टोपी दिखती है, तिरंगा नहीं दिखता. यह लड़ाई हिंदुस्तान को जोड़ने की है, शाह और शहंशाह तोड़ रहे हैं. उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून को सरल भाषा में समझाते हुए कहा कि इसके कई चरण हैं.
इसकी शुरुआत सरकारी मुलाजिम द्वारा आपके घर आकर आपसे मौखिक रूप से परिवार के सदस्यों के बारे में बताने के लिए कहने से होती है और इसका अंत नागरिकता साबित करने में विफल रहनेवाले लोगों को फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में मामला ले जाने से खत्म होगा.
योगेंद्र यादव ने कहा कि यह मुसलमानों का आंदोलन नहीं, बल्कि यह सभी समाज का आंदोलन है. यहां हिन्दू-मुस्लिम को कोई एक दूसरे से अलग नहीं कर सकता. यह लड़ाई हिंदुस्तान को जोड़ने की है.
देश गांधी और स्वामी विवेकानंद के सिद्धांत पर चलेगा : योगेंद्र यादव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने जिन बातों के लिए अपने शिकागो के भाषण में मनाही की थी, सीएए कानून में उन दोनों बातों को शामिल किया गया है.
स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि शरण मांगनेवाले का देश और धर्म न पूछो, लेकिन कानून यही पूछ रहा है. गांधी जी ने सिखाया है कि गलत कानून का विरोध करो और तबतक करो, जब इसे बनाने वाले लोग इसका खात्मा नहीं कर देते.
बोले : यह मुसलमानों का आंदोलन नहीं, बल्कि यह सभी समाज का आंदोलन
हिन्दू-मुस्लिम को कोई एक दूसरे से अलग नहीं कर सकता, यह लड़ाई हिंदुस्तान को जोड़ने की है
30 जनवरी को देश भर में आंदोलन
सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने रांची प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता में कहा कि संशोधित नागरिकता कानून, एनआरपी और एनआरसी के खिलाफ 30 जनवरी को होनेवाले प्रदर्शन में देशभर में विभिन्न क्षेत्रों के 100 संगठनों से जुड़े लोग और छात्र संघ शामिल होंगे. ‘हम भारत के लोग’ के बैनर तले यह कार्यक्रम आयोजित होगा. 30 जनवरी को देशभर में विभिन्न वर्गों के लोगों द्वारा सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा.
इसमें सभी जगहों पर मानव शृंखला बनायी जायेगी. उसके बाद 5:17 बजे राष्ट्र गान गाया जायेगा. उन्होंने कहा कि इस देश में बहुत सी समस्याएं हैं, इससे ध्यान भटकाने के लिए केंद्र सरकार ने यह कानून लाया है.

Next Article

Exit mobile version