झाविमो सुप्रीमो ने सीएम को लिखा पत्र, कहा- प्रदीप यादव पर दर्ज केस वापस ले सरकार

रांची : पूर्व मुख्यमंत्री व झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर अपनी पार्टी के विधायक प्रदीप यादव पर दायर मुकदमे वापस लेने का आग्रह किया है. तत्कालीन रघुवर सरकार पर एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर अडानी पावर को जमीन देने का आरोप लगाते हुए श्री यादव ने वर्ष 2017 में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 8, 2020 7:44 AM

रांची : पूर्व मुख्यमंत्री व झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर अपनी पार्टी के विधायक प्रदीप यादव पर दायर मुकदमे वापस लेने का आग्रह किया है. तत्कालीन रघुवर सरकार पर एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर अडानी पावर को जमीन देने का आरोप लगाते हुए श्री यादव ने वर्ष 2017 में धरना-प्रदर्शन किया था. उस दौरान श्री यादव पर छह मुकदमे दायर किये गये थे, जिसकी वजह से उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी . उन्हें पांच माह तक जेल में भी रहना पड़ा था. उक्त मुकदमे आज भी चल रहे हैं. मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में श्री मरांडी ने कहा है कि राजनीति में जनप्रतिनिधि जनता के लिए आंदोलन करते हैं. एक जनप्रतिनिधि की हैसियत से ही श्री यादव ने भी आंदोलन किया था.

लेकिन उस समय दुर्भावना से श्री यादव पर मुकदमे दायर किये गये थे. चूंकि अब गठबंधन की सरकार है, इसलिए श्री यादव के जन आंदोलनों से जुड़े मुकदमों को वापस लिया जाये. गौरतलब है कि वर्ष 2017 में तत्कालीनरघुवर सरकार ने प्रदीप यादव के खिलाफ छह प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इनमें से एक मामला गोड्डा मुफस्सिल थाना में दर्ज है, जबकि शेष मामले पोड़ैयाहाटथाना के हैं.

एफआइआर सं 14/2017 झारखंड सरकार बनाम विकास यादव पर है. शेष पांच केस प्रदीप यादव पर दर्ज हैं.यह है मामला : अडानी पावर द्वारा गोड्डा में 1600 मेगावाट का पावर प्लांट लगाया जा रहा है. वर्ष 2017 में करीब 700 एकड़ जमीन अडानी पावर कोदिये जाने के खिलाफ विधायक प्रदीप यादव ने आंदोलन किया था. उनका कहना था कि संताल-परगना टेनेंसी एक्ट के तहत किसी निजी कंपनी को जमीननहीं दी जा सकती, लेकिन सरकार उल्लंघन कर जमीन दे रही है. पूर्व में जमीन की दर मुआवजा समेत 1.63 करोड़ रुपये प्रति एकड़ थी, जिसे सरकार नेघटा कर 13 लाख रुपये प्रति एकड़ कर दी. दूसरी शिकायत थी कि अडानी पावर प्लांट (1600 मेगावाट क्षमता) से उत्पादित सारी बिजली बांग्लादेश को देदेगी, जबकि शर्तों के तहत 25 प्रतिशत यानी 400 मेगावाट बिजली झारखंड को देनी है. इसे लेकर श्री यादव ने अडानी पावर के खिलाफ अपने समर्थकों केसाथ प्रदर्शन किया था. इसके बाद विधि-व्यवस्था के लिए समस्या बताते हुए श्री यादव के खिलाफ राज्य सरकार ने पांच केस और एक अन्य खिलाफ एक

केस दर्ज कराये थे.

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