विधानसभा सत्र का दूसरा दिन : पहले अभिभाषण में राज्यपाल ने कहा, सीएनटी-एसपीटी एक्ट सख्ती से बहाल रहेगा

सरकार किसी द्वेष की भावना से परे पिछली सरकारों के अच्छे कार्यों को जारी रखेगी रांची : आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए बनाये गये सीएनटी-एसपीटी एक्ट को सख्ती से बहाल रखा जायेगा. भारतीय वन कानून व वनाधिकार कानून के आदिवासी हितोन्मुख स्वरूप को अक्षुण्ण रखा जायेगा. राज्यहित में जल, जंगल, जमीन के संरक्षण, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 8, 2020 5:04 AM
सरकार किसी द्वेष की भावना से परे पिछली सरकारों के अच्छे कार्यों को जारी रखेगी
रांची : आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए बनाये गये सीएनटी-एसपीटी एक्ट को सख्ती से बहाल रखा जायेगा. भारतीय वन कानून व वनाधिकार कानून के आदिवासी हितोन्मुख स्वरूप को अक्षुण्ण रखा जायेगा. राज्यहित में जल, जंगल, जमीन के संरक्षण, संवर्धन और विकास को केंद्र में रखते हुए पूर्व के कुछ बांध और अन्य सिंचाई परियोजनाओं की पुनर्समीक्षा की जायेगी. वंचितों और विस्थापितों के पुनर्वास को लेकर सरकार नीति बनायेगी.
मंगलवार को विधानसभा सत्र के दूसरे दिन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी सरकार में पहली बार सदन में अपना अभिभाषण दिया. राज्यपाल ने कहा कि झारखंड के शहीदों के गांव को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जायेगा. खूंटी के उलिहातू व साहिबगंज के भोगनाडीह से इसकी शुरुआत होगी. राज्यपाल ने सरकार की कई भावी कार्य योजनाएं गिनायीं.
इधर, सदन ने सर्वसम्मति से नाला विधायक रवींद्रनाथ महतो को विधानसभा अध्यक्ष के रूप में चुना. स्पीकर के रूप में श्री महतो के चयन के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मंत्री आलमगीर आलम, विधायक बाबूलाल मरांडी, सुदेश कुमार महतो, सरयू राय और विनोद सिंह ने सदन की ओर से मुहर लगायी. पक्ष-विपक्ष के नेताओं ने श्री महतो पर भरोसा जताते हुए कहा कि इनके संरक्षण में सदन की गरिमा बढ़ेगी. सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बतौर प्रभारी वित्त मंत्री वित्तीय वर्ष 2019-20 का 4210़ 08 करोड़ का अनुपूरक बजट सदन के पटल पर रखा.
रवींद्रनाथ महतो सर्वसम्मति से स्पीकर बने, पक्ष-विपक्ष ने जताया भरोसा
गवर्नर के अभिभाषण की मुख्य बातें
विधानसभा के आदर्श परंपराओं और कीर्ति को आगे बढ़ाना है
बिना किसी द्वेष के वंचितों को विशेष महत्व, सबको उचित अधिकार, सबको सुरक्षा और हर द्वार तक समृद्धि पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे झारखंडी अस्मिता को केंद्र में रख कर स्वच्छ -पारदर्शी व संवेदनशील प्रशासन के माध्यम से राज्य को प्रगति के उच्च शिखर में ले जायेंगे युवाओं को रोजगार, किसानों को सहायता, महिलाओं का सशक्तीकरण, दलित-आदिवासी के अधिकार की रक्षा और गरीबों को गरीबी से मुक्ति दिलायेंगे सरकार के विभिन्न विभाग व जिला, अनुमंडल, प्रखंड व पंचायत स्तर की रिक्तियों को चरणबद्ध भरा जायेगा किसानों के लिए मुख्य फसल के साथ-साथ सब्जियों के उत्पादन में न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करेगी कृषि उत्पादन को प्रखंड स्तर पर सुरक्षित रखने की व्यवस्था व सयंत्र उपलब्ध कराया जायेगा मनरेगा में मानव दिवस बढ़ेगी
आदिवासी आबादी को ट्राइबल सब प्लॉन का केंद्र बनाते हुए उनका विकास और कल्याण किया जायेगा
सरकारी विद्यालयों को आधुनिक सुविधाओं के साथ निजी अग्रेजी स्कूलों से बेहतर बनायेंगे
राज्यपाल ने पंडित जवाहरलाल नेहरू की उक्ति का उल्लेख किया
राज्यपाल ने कहा : पं जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि आप दीवार के चित्रों को बदलकर इतिहास के तथ्यों को नहीं बदल सकते. हमारी
सरकार भारत की गरिमामयी विरासत का सम्मान करते हुए कल्याणकारी राज्य की अवधारणा के अनुरूप जनहित के नये इतिहास रचेगी.

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