मेरे और मेरी सरकार पर दाग नहीं, जयचंदों के कारण हारे – रघुवर

अटल जयंती पर पहुंचे रघुवर दास का छलका दर्द चुनाव मुद्दों पर नहीं हुआ, व्यक्तिगत दुष्प्रचार और चरित्र हनन किया कार्यवाहक सीएम ने कविता दुहराई क्या हार में क्या जीत में, किंचित नहीं भयभीत मै़ं मैंने ईमानदारी से राज्य की सेवा की, एक दिन छुट्टी नहीं लिया... रांची : कार्यवाहक मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2019 1:44 AM
  • अटल जयंती पर पहुंचे रघुवर दास का छलका दर्द
  • चुनाव मुद्दों पर नहीं हुआ, व्यक्तिगत दुष्प्रचार और चरित्र हनन किया
  • कार्यवाहक सीएम ने कविता दुहराई

क्या हार में क्या जीत में, किंचित नहीं भयभीत मै़ं
मैंने ईमानदारी से राज्य की सेवा की, एक दिन छुट्टी नहीं लिया

रांची : कार्यवाहक मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि पांच वर्षों की उनकी सरकार और उन पर कोई दाग नहीं है़ बिचौलियों का राज खत्म किया़ हमारी सरकार में बिचौलिये नहीं थे़ जयचंद हर जगह होते है़ं हम जयचंदों के कारण हारे़ श्री दास बुधवार को भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहार वाजपेयी की जयंती के मौके पर भाजपा कार्यालय पहुंचे थे़
मौके पर उन्होंने पत्रकारों से उस कविता का जिक्र किया, जिसे स्वर्गीय वाजपेयी बार-बार दोहराया करते थे़ क्या हार में, क्या जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं … उन्होंने कहा कि अटल जी कहते थे : कार्यकर्ता ऐसा पद है, जो छीना नहीं जा सकता है़ उसी तत्परता के साथ मैं राज्य के लिए काम करूंगा़ गांव-गांव में चौपाल लगाउंगा़
उन्होंने कहा कि पिछले 14 वर्षों में बिचौलियों का राज था़ बिचौलिये लूट में लगे थे़ हमने इसे खत्म किया़ चुनाव में किसी के पास कोई मुद्दा नहीं था़ मेरे खिलाफ दुष्प्रचार किया गया़ मुझे अहंकारी बताया गया, गुस्सैल बताया गया़ इससे पार्टी को भी क्षति पहुंचायी गयी़ व्यक्तिगत चरित्र हनन किया गया़ मेरा परिवार छत्तीसगढ़ से जुड़ा है़ मैं जमशेदपुर में जन्मा हू़ं छत्तीसगढ़ी और जाति विशेष कहा गया़
कार्यवाहक मुख्यमंत्री ने कहा : कभी-कभी षडंयत्र सफल हो जाता है़ लेकिन षडंयत्र से हासिल सफलता क्षणिक होती है़ मैं बूथ का कार्यकर्ता रहा हू़ं संघर्ष कर यहां तक पहुंचा हू़ं संघर्ष इंसान को मजबूत बनाता है़ मैं विचलित होने वाला नहीं हू़ं मैंने सत्ता की राजनीति की, तो विपक्ष में भी उसी तत्परता से काम किया़ कार्यवाहक मुख्यमंत्री ने कहा : 2014 में हम चुनाव जीते़ पार्टी ने इतना बड़ा सम्मान दिया़ एक मजदूर को जगह दी़ बड़े-बड़े नामदार थे, पर पार्टी ने एक कामगार को पसंद किया़
चुनौती देता हूं : जमशेदपुर में एक घर छोड़ मेरे परिवार की संपत्ति कोई बताये
कार्यवाहक मुख्यमंत्री ने कहा : आज भी मैं खुली चुनौती देता हू़ं जमशेदपुर में मेरा और मेरे परिवार का एक घर छोड़ दूसरी कोई संपत्ति बता दे़ मैं सत्ता में पैसे कमाने नहीं आया़ सेवा भाव से आया हू़ं हमारे परिवार पर आरोप लगाया गया़ व्यक्तिगत आरोप से राजनीति नहीं चलती़ उन्होंने कहा कि मैंने कभी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा नहीं की़ मंगलवार-बुधवार को नियमित रूप से कार्यकर्ता से मिला़
सत्ता रहे या ना रहे, कोई फर्क नहीं पड़ता है़ हार-जीत लगी रहती है, यही लोकतंत्र की खूबसूरती है़ 2014 में राज्य में स्थिर सरकार बनी़ मैंने पूरी ईमानदारी से काम किया़ एक दिन भी छुट्टी नहीं ली़ ईमानदार सरकार दी़ पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सपने को साकार करने के दिशा में काम किया़ लाेकतंत्र है : जनता का आदेश स्वीकार है़