चारा घोटाला : लालू की जमानत याचिका खारिज

रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में शुक्रवार को चारा घाेटाला मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने प्रार्थी व सीबीआइ का पक्ष सुना. इसके बाद प्रार्थी को राहत देने से इन्कार कर दिया. अदालत ने कहा कि इस मामले […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 7, 2019 6:08 AM

रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में शुक्रवार को चारा घाेटाला मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने प्रार्थी व सीबीआइ का पक्ष सुना. इसके बाद प्रार्थी को राहत देने से इन्कार कर दिया. अदालत ने कहा कि इस मामले में प्रार्थी को निचली अदालत से सात साल की सजा हुई है. आधी सजा अभी पूरी नहीं हुई है. अन्य मामलों में कई आरोपितों को अदालत ने आधी सजा पूरी करने के बाद ही जमानत दी है. इस मामले में प्रार्थी की सजा आधी पूरी नहीं हुई है.

पूर्व में सुप्रीम कोर्ट से भी एसएलपी खारिज हो चुकी है, इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती है. अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी. इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता प्रभात कुमार ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि अन्य मामलों को मिला कर आधी से अधिक सजा पूरी हो गयी है. इस मामले में अब तक आधी सजा पूरी नहीं हो पायी है. उनकी उम्र 72 वर्ष हो चुकी है. कई गंभीर बीमारियां है. उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है.

वहीं, सीबीआइ की अोर से अधिवक्ता राजीव सिन्हा व अधिवक्ता राजीव नंदन प्रसाद ने प्रार्थी की दलील का विरोध किया. उन्होंने अदालत को बताया कि इस मामले में विशेष अदालत ने सात साल की सजा सुनायी है. आधी सजा अब तक पूरी नहीं हुई है. अन्य आरोपितों को आधी सजा पूरी होने पर ही अदालत ने जमानत दी है. सीबीआइ की अोर से यह भी कहा गया कि बीमारियां होने केे बावजूद उनकी जान पर खतरा उत्पन्न होने जैसे कोई सबूत प्रार्थी की तरफ से नहीं दिया गया है.

उल्लेखनीय है कि प्रार्थी पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने जमानत याचिका दायर की है. उन्होंने अपनी बढ़ती उम्र व अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया है. सीबीआइ की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद को दुमका कोषागार से अवैध निकासी के आरसी-38ए/96 मामले में सात-सात साल की सजा सुनायी है. लालू प्रसाद ने हाइकोर्ट में अपील याचिका दायर कर सजा को चुनाैती दी है.

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