ranchi news : झारखंड में 129.1435 मीट्रिक टन ई-वेस्ट का किया गया प्रसंस्करण

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़ों के अनुसार, झारखंड में पंजीकृत इलेक्ट्रॉनिक्स कचरा (ई-कचरा) रिसाइकलर की संख्या बढ़ी है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 28, 2025 1:03 AM

रांची. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़ों के अनुसार, झारखंड में पंजीकृत इलेक्ट्रॉनिक्स कचरा (ई-कचरा) रिसाइकलर की संख्या बढ़ी है. एक अप्रैल 2023 से ‘ई-कचरा (प्रबंधन) नियम-2022’ के लागू होने के बाद वित्तीय वर्ष 2023-24 में झारखंड में एक पंजीकृत रिसाइकलर था. वित्तीय वर्ष 2024-25 में इनकी संख्या बढ़कर तीन हो गयी है. झारखंड ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में कोई ई-कचरा संशोधित नहीं किया, लेकिन वित्तीय वर्ष 2024-25 में 129.1435 मीट्रिक टन ई-कचरे का प्रसंस्करण किया. यह जानकारी केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने पिछले दिनों राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी थी. पूरे देश में, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुमानों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 13,97,955.59 मीट्रिक टन ई-कचरा उत्पन्न हुआ, जिसमें से 70.71% रिसाइकल किया गया है.

बिना लाइसेंस के रिसाइक्लिंग करने पर एक लाख तक जुर्माने का है प्रावधान

झारखंड ई-वेस्ट की रिसाइक्लिंग और रिफर्बिश का काम करने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पर्यावरण स्वीकृति लेनी होगी. यानी कंसेंट टू ऑपरेट (सीटीओ) और कंसेंट टू इस्टैब्लिशमेंट (सीटीइ) लेना होगा, तभी यह काम कर सकते हैं. झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने इस बाबत एक आदेश जारी कर दिया है. कहा गया है कि जो भी बिना सीटीओ और सीटीइ के ऐसा काम करते हैं, वह अवैध माना जायेगा और एक लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है.

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