Jharkhand : नक्सल प्रभावित जिलों के लिए पुलिस को विशेष ट्रेनिंग

रांची : झारखंड के नक्सल प्रभावित जिलों में चुनाव के दौरान कोई अनहोनी न हो, इसके लिए पुलिस को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है. पुलिस को आशंका है कि चुनावों के दौरान नक्सली हिंसक वारदात को अंजाम दे सकते हैं. इसलिए पुलिस पहले से से सतर्कता बरत रही है. किसी भी हमले से निबटने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 11, 2019 10:46 AM

रांची : झारखंड के नक्सल प्रभावित जिलों में चुनाव के दौरान कोई अनहोनी न हो, इसके लिए पुलिस को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है. पुलिस को आशंका है कि चुनावों के दौरान नक्सली हिंसक वारदात को अंजाम दे सकते हैं. इसलिए पुलिस पहले से से सतर्कता बरत रही है. किसी भी हमले से निबटने के लिए अपने अधिकारियों और जवानों को तैयार कर रही है. इन्हें लैंडमाइंस और आइइडी बमों से निबटने के गुर सिखाये जा रहे हैं. झारखंड पुलिस के एडीजी (ऑपरेशन) मुरारी लाल मीणा ने यह जानकारी दी.

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इतना ही नहीं, वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार 10 फीसदी ज्यादा सुरक्षा बलों को झारखंड में तैनात किया जायेगा. केंद्रीय गृह मंत्रालय से इसकी सहमति ली जा चुकी है. चुनाव के मद्देनजर नक्सल प्रभावित जिलों को तीन श्रेणियों (सामान्य, संवेदनशील और अत्यंत संवेदनशील) में बांटा गया है. सभी जिलों के पुलिस कप्तान बूथों का भ्रमण करने के बाद तय करेंगे कि कौन से बूथ संवेदनशील हैं और कौन से अत्यंत संवेदनशील.

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि झारखंड के नक्सल प्रभावित 13 जिले रांची, दुमका, खूंटी, गुमला, लातेहार, सिमडेगा, पश्चिमी सिंहभूम, गिरिडीह,पलामू, गढ़वा, चतरा, लोहरदगा और बोकारो) में चुनावों से पहले ही बड़े पैमाने पर केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी जायेगी. नक्सली गतिविधियों के लिहाज से झारखंड का सरायकेला पूर्वी सिंहभूम, हजारीबाग, धनबाद और गोड्डा को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है. वहीं, जामताड़ा, पाकुड़, रामगढ़ और कोडरमा को कम संवेदनशील जिले की श्रेणी में रखा गया है.

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ज्ञात हो कि वर्ष 2014 में आखिरी चरण के मतदान के बाद नक्सलियों ने पांच सुरक्षाकर्मी समेत आठ मतदानकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था. दुमका में मतदान कराकर लौट रहे पोलिंग पार्टी को ले जा रहे वाहन को नक्सलियों ने आइइडी विस्फोट करके उड़ा दिया था. इसमें आठ लोगों की मौत हो गयी थी. पुलिस इस बार ऐसा कोई जोखिम लेने के लिए तैयार नहीं है. इसलिए विशेष तैयारियों के साथ अतिरिक्त सतर्कता भी बरती जा रही है.

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