रांची : सरना कोड की मांग को लेकर दिया गया धरना

रांची : केंद्रीय सरना समिति (फूलचंद तिर्की गुट) ने सरना कोड सहित अन्य लंबित मांगों को लेकर गुरुवार को राजभवन के समक्ष धरना दिया. सरना कोड अविलंब लागू करने, साथ ही धर्मांतरित आदिवासियों की अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र रद्द करने, सरना आदिवासियों को 27 प्रतिशत आरक्षण देने अौर आदिवासियों को वन भूमि पट्टा देने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 8, 2019 8:38 AM
रांची : केंद्रीय सरना समिति (फूलचंद तिर्की गुट) ने सरना कोड सहित अन्य लंबित मांगों को लेकर गुरुवार को राजभवन के समक्ष धरना दिया. सरना कोड अविलंब लागू करने, साथ ही धर्मांतरित आदिवासियों की अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र रद्द करने, सरना आदिवासियों को 27 प्रतिशत आरक्षण देने अौर आदिवासियों को वन भूमि पट्टा देने की मांग की गयी.
समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि सरकार ने सरना कोड की अनुशंसा करने की बात कही थी फिर भी यह काम अभी तक नहीं हो पाया है.
उन्होंने कहा कि जाति प्रमाणपत्र रूढ़िवादी परंपरा, संस्कृति की जांच करने के बाद ही दिया जाये. कार्यकारी अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि रघुवर सरकार आदिवासियों को ठगने का काम कर रही है. जगलाल पाहन ने कहा कि आदिवासियों का अस्तित्व जल, जंगल व जमीन पर टिका है.
अगर उन्हें विस्थापित किया जायेगा तो उनका अस्तित्व मिट जायेगा. उन्होंने कहा कि वनभूमि पर रहनेवाले आदिवासियों को उनका हक मिले. समिति के महासचिव संजय तिर्की ने कहा कि सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो उग्र आंदोलन होगा. धरना में लोहरदगा, गुमला, हजारीबाग सहित रांची के विभिन्न सरना समिति के प्रतिनिधि उपस्थित हुए. उपस्थित होने वालों में चैतू उरांव, हांदू भगत, महेंद्र बेक, निर्मल मुंडा, डब्ल्यू मुंडा, विनय उरांव, नीरा टोप्पो, किरण तिर्की सहित अन्य शामिल थे.

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