रांची : इडी ने संजीवनी और झारखंड इस्पात की 7.04 करोड़ की संपत्ति जब्त की, सरावगी बंधुओं पर भी प्राथमिकी दर्ज

संजीवनी और झारखंड इस्पात की 7.04 करोड़ की संपत्ति जब्त, सरावगी बंधुओं पर भी प्राथमिकी दर्ज रांची : प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने गुरुवार को दो बड़ी कार्रवाई की. एक ओर, झारखंड इस्पात लिमिटेड और संजीवनी बिल्डकॉन की रांची और रामगढ़ स्थित 7.04 करोड़ रुपये मूल्य की चल व अचल संपत्ति जब्त की. इसमें इस्पात लिमिटेड […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 8, 2019 8:10 AM
संजीवनी और झारखंड इस्पात की 7.04 करोड़ की संपत्ति जब्त, सरावगी बंधुओं पर भी प्राथमिकी दर्ज
रांची : प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने गुरुवार को दो बड़ी कार्रवाई की. एक ओर, झारखंड इस्पात लिमिटेड और संजीवनी बिल्डकॉन की रांची और रामगढ़ स्थित 7.04 करोड़ रुपये मूल्य की चल व अचल संपत्ति जब्त की. इसमें इस्पात लिमिटेड की 3.93 करोड़ की संपत्ति और शेष संजीवनी बिल्डकॉन की है.
दूसरी ओर, 25 करोड़ रुपये के मनी लाउंड्रिंग मामले में सरावगी बंधुओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. संजीवनी के खिलाफ सीबीआइ में कुल 28 मामले दर्ज हैं. झारखंड इस्पात लिमिटेड के खिलाफ कोयला घोटाले में दिल्ली सीबीआइ में प्राथमिकी दर्ज है. सीबीआइ द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आलोक में इडी ने इन दोनों कंपनियों के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी.
रांची व रामगढ़ में कार्रवाई : इडी ने झारखंड इस्पात लिमिटेड के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गुरुवार को रामगढ़ स्थित उसकी 25.54 एकड़ जमीन जब्त कर ली.
इसी जमीन पर कारखाना स्थापित है. जब्त जमीन का कागजी मूल्य 3.93 करोड़ रुपये है, जबकि वर्तमान बाजार मूल्य 20 करोड़ रुपये आंकी गयी है.
सीबीआइ ने इस कंपनी के खिलाफ गलत कागजात और उत्पादन क्षमता दिखा कर कोल ब्लॉक आवंटित कराने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की थी. इसी मामले में कंपनी के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग के आरोप में प्राथwमिकी दर्ज की थी. वहीं, इडी की टीम ने संजीवनी बिल्डकॉन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गुरुवार को रांची और रायपुर की कुल 11 अचल संपत्ति जब्त की.
इसमें से रायपुर की संपत्ति अनिता दयाल नंदी के नाम पर खरीदी गयी थी. शेष संपत्ति श्याम किशोर गुप्ता के नाम पर खरीदी गयी थी. संजीवनी की जब्त की गयी संपत्ति का कागजी मूल्य 1.56 करोड़ रुपये है. इडी ने संजीवनी से जुड़े लोगों के 17 बैंक खातों को भी जब्त कर लिया है, इसमें 1.55 करोड़ रुपये हैं.
झारखंड इस्पात की जब्त संपत्ति का ब्योरा
संपत्ति का ब्योरा मूल्य
रामगढ़ में खाता नंबर 64 प्लॉट नंबर 50,53, का आठ एकड़ जमीन 1.23 करोड़
रामगढ़ में खाता नंबर 64 प्लॉट नंबर 04 का 4.90 एकड़ जमीन 75.46 लाख
रामगढ़ में खाता नंबर 64 का 6.63 एकड़ जमीन 1.02 करोड़
रामगढ़ में खाता नंबर 64 प्लॉट नंबर 47,48,49, का 5.49 एकड़ जमीन 84.54 लाख
संजीवनी बिल्डकॉन की जब्त संपत्ति का ब्योरा
संपत्ति का ब्योरा मूल्य
– नारायणी भवन स्थित श्याम किशोर गुप्ता की दुकान 30.28
– श्याम चैंबर,रायपुर स्थित अनिता दयाल नंदी की जमीन 64.89 लाख
– रांची के कडरू स्थित श्याम किशोर गुप्ता की 4000 वर्ग फुट जमीन 13.30 लाख
– रांची के बरियातू स्थित श्याम किशोर गुप्ता के नाम 2880 वर्ग फुट जमीन 4.60 लाख
– रांची के बरियातू स्थित श्याम किशोर गुप्ता के नाम 3600 वर्ग फुट जमीन 7.56 लाख
– रांची के अरगोड़ा स्थित श्याम किशोर गुप्ता के नाम 890 वर्ग फुट जमीन 5.00 लाख
– कांके के होचर स्थित श्याम किशोर गुप्ता के नाम 116 डिसमिल जमीन 1.17 लाख
– रांची के चिरौंदी स्थित श्याम किशोर गुप्ता के नाम तीन कट्ठा जमीन 4.25 लाख
जब्त बैंक खाता का ब्योरा
– अनिता नंदी के नाम पर तीन बैंक खाता
– अनामिका नंदी के नाम चार बैंक खाता
– जयंत दयाल नंदी के नाम तीन बैंक खाता
– श्याम किशोर गुप्ता के नाम तीन बैंक खाता
– स्मार्ट पीपुल्स डेवलपर्स के नाम तीन बैंक खाता
– आरपी वर्मा के नाम एक बैंक खाता
संजीवनी की जब्त की गयी संपत्ति का कागजी मूल्य 1.56 करोड़
सरावगी बंधुओं ने गलत दस्तावेज से कर्ज लिया
दूसरी ओर प्रवर्तन निदेशालय ने सरावगी बंधुओं के खिलाफ 25 करोड़ रुपये के मनी लाउंड्रिंग के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की. प्राथमिकी में अमित सरावगी, स्वाती सरावगी के अलावा इससे जुड़ी कंपनियों और बैंक से कर्ज लेने के लिए फर्जी गारंटर्स को अभियुक्त बनाया गया है.
प्राथमिकी में यह आरोप लगाया गया है कि सरावगी बंधुओं ने गलत दस्तावेज के आधार पर बैंकों से कर्ज लिया. कर्ज की रकम का इस्तेमाल उस काम में नहीं किया, जिस काम के लिए बैंक ने कर्ज दिया था. कर्ज लेने के बाद सरावगी बंधुओं ने शेल कंपनियों (फर्जी) के माध्यम से अपनी दूसरी कंपनियों में ट्रांसफर किया. इस काम को अंजाम देने के लिए शेल कंपनियों से कपड़ा आदि की खरीद के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार किये गये. बैंक ऑफ इंडिया की एक शाखा से कर्ज लेने के बाद उसी कंपनी के नाम पर बैंक की दूसरी शाखा से कर्ज लिया.
कर्ज लेने के लिए अपने कर्मचारियों के अलावा कोलकाता के वैसे लोगों को गारंटर बनाया, जिसके साथ सरावगी बंधुओं का कोई व्यापारिक संबंध नहीं था. कर्ज लेने के लिए अपने ही प्रतिष्ठान में छह से सात हजार मासिक वेतन पर काम करनेवाले कर्मचारियों की हैसियत करोड़ों रुपये की बतायी. सरावगी बंधुओं द्वारा की गयी इस जालसाजी के खिलाफ सीबीआइ रांची की आर्थिक अपराध शाखा ने तीन प्राथमिकी दर्ज कर रखी है.

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