रांची : शहीद के वंशज की जमीन हड़पने में पुलिस और अपराधी का गठजोड़ आ रहा है सामने

धारा 144 के बाद भी जमीन पर कब्जा करने से बाज नहीं आ रहे भू माफिया रांची : राजधानी में खाली पड़ी जमीन पर कब्जा करने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शहीद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव के वंशज लाल बद्री नाथ शाहदेव की जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के हटिया मौजा के ओबरिया पुल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 26, 2018 9:50 AM
धारा 144 के बाद भी जमीन पर कब्जा करने से बाज नहीं आ रहे भू माफिया
रांची : राजधानी में खाली पड़ी जमीन पर कब्जा करने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शहीद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव के वंशज लाल बद्री नाथ शाहदेव की जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के हटिया मौजा के ओबरिया पुल के पास प्लाॅट नंबर 1570 में 1.44 एकड़ जमीन है. इस जमीन पर कुछ पुलिसकर्मियों और स्थानीय अपराधी नरेश बुतरू सहित जमीन माफियाओं की मिलीभगत से कब्जा करने का मामला सीआइडी की प्रारंभिक जांच में सामने आया है.
हद तो यह है कि बद्रीनाथ की शिकायत पर डीसी राय महिमापत रे ने उक्त जमीन पर धारा 144 लगाने का आदेश दिया. यहां तक कि सीआइडी के अफसर ने भी कब्जा करनेवालों को जमीन पर काम करने से मना किया.
इसके बावजूद उनलोगों ने मंगलवार को भी जमीन पर काम कराया. इसकी शिकायत की गयी तो सीआइडी अफसर के निर्देश पर जब जगन्नाथपुर पुलिस मौके पर पहुंची तो जमीन पर काम करनेवाले लोग फरार हो गये. इसके बाद सीआइडी की टीम जांच करने गयी तो साइट पर काम करा रहे ठेकेदार ने एक व्यक्ति का नंबर दिया और कहा कि उसी के कहने पर काम कर रहे हैं.
जब उस नंबर पर सीआइडी के अफसर ने संपर्क किया तो वह नंबर गृह विभाग में प्रतिनियुक्त एएसआइ नारायण दत्त का निकला. हालांकि उसने मामले में अपनी संलिप्तता से इंकार किया है. ऐसे में जांच का विषय है कि ठेेकेदार ने फिर कैसे एएसआइ का नाम लिया और नंबर दिया. इस मामले में एक आइएएस अफसर के अंगरक्षक का भी नाम सामने आ रहा है. बताया जा रहा है कि उक्त जमीन पर सतीश नामक पुलिसकर्मी और एक रिटायर्ड सूबेदार ने भी निर्माण कार्य कराया है.
इस मामले में मंगलवार को सीआइडी एडीजी अजय कुमार सिंह ने भी बद्रीनाथ शाहदेव से जानकारी ली और मामले के अनुसंधानकर्ता इंस्पेक्टर उमेश ठाकुर को कार्रवाई का निर्देश दिया. बता दें कि मामले में बद्रीनाथ शाहदेव ने सीआइडी एडीजी को दिये पत्र में हटिया इलाके के जमीन माफिया शैलेश साहू, नामकुम के विजय नायक, बुतरू उरांव और सिंहमोड़ के राजीव कुमार सिंह के द्वारा उनकी पुश्तैनी जमीन पर कब्जा किये जाने का आरोप लगाया था.
गृह विभाग का अधिकारी बता धमकाता था जगन्नाथपुर पुलिस को : मामले में यह बात भी सामने आ रही है कि जमीन पर अवैध कब्जे को रुकवाने लिए जब-जब जगन्नाथपुर पुलिस मौके पर जाती थी, तो खुद को गृह विभाग का अधिकारी बता कर एक व्यक्ति फोन कर धमकाता था कि वह बद्री को रोके.
जमीन पर काम होने दे. बताया जा रहा है कि जमीन पर कब्जे को लेकर जिन लोगों का नाम सामने आया है उनसे सीआइडी के अफसर जमीन से जुड़े दस्तावेज दिखाने के लिए तीन दिनों से बोल रहे हैं, लेकिन बद्री को छोड़ आरोपी पक्ष की ओर से कोई दस्तावेज पेश नहीं किया गया है.

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