सावधान बैंक में आपका पैसा सुरक्षित नही! एसबीआइ बैंक मैनेजर ने पुलिस से कहा, बैंककर्मियों की मिलीभगत से ही बनता है क्लोन चेक

रांची : चेक का क्लोन बना कर दूसरों के खाते से करोड़ों रुपये निकालने वाले छह लोगों को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है़ जेल जानेवालों में अब तक तीन करोड़ से अधिक की ठगी करनेवाला मास्टरमाइंड संतोष कुमार चौरसिया, अक्षय कुमार रवि, संजय उरांव, संतोष कुमार, रवि कुमार व अभिषेक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 1, 2018 5:57 AM
रांची : चेक का क्लोन बना कर दूसरों के खाते से करोड़ों रुपये निकालने वाले छह लोगों को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है़ जेल जानेवालों में अब तक तीन करोड़ से अधिक की ठगी करनेवाला मास्टरमाइंड संतोष कुमार चौरसिया, अक्षय कुमार रवि, संजय उरांव, संतोष कुमार, रवि कुमार व अभिषेक कुमार पांडेय शामिल हैं.
इस मामले में एसबीआइ बैंक के मैनेजर ने कोतवाली थाना प्रभारी एसएन मंडल को बताया कि बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से ही नकली चेक छपता है या चेक का क्लोन बनाया जाता है.
उन्होंने यह भी कहा कि यदि जांच में साफ हो जाता है कि अमुक कर्मचारी के माध्यम से बैंक में चेक के माध्यम से रुपये की निकासी हुई है, तो उसके वेतन से काट कर ग्राहक को ठगी की रकम वापस कर दी जायेगी़ गौरतलब है कि बुधवार को ठेकेदार के चंद्रकांत के एसबीआइ एकाउंट से 9़ 80 लाख रुपये पीएनबी में अभिषेक कुमार पांडेय के खाता में ट्रांसफर हुआ था. इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कोतवाली पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड सहित सभी छह अपराधियों को गिरफ्तार किया था़
चेक का क्लोन बना दूसरों के खाते से पैसे निकालनेवाले छह जेल गये
पटना के राकेश सिंह और विवेक संचालित करते हैं गिरोह, बस से आता था क्लोन चेक
रांची में गिरोह का मास्टरमाइंड पिस्का मोड़ के देवी मंडप रोड में रहनेवाले व मूल रूप से डालटनगंज निवासी संतोष कुमार चौरसिया ने बताया कि गिरोह पटना से राकेश सिंह व विवेक संचालित करते हैं.
पटना से ही चेक बस के जरिये रांची आता था. चेक को रिसीव कर संतोष कुमार चौरसिया रांची के विभिन्न बैंक से रुपये की निकासी करता था. रुपये मिलने के बाद उस रकम की 10 प्रतिशत राशि वह उनलोगों को भेजता है. इस गिरोह में शामिल अन्य सभी सदस्य कम उम्र के है़ं सभी मैट्रिक, आइटीअाइ व स्नातक के छात्र हैं. संतोष चौरसिया (34 वर्ष) के अलावा इस गिरोह में शामिल मांडर का नगड़ा निवासी संजय उरांव (18 वर्ष), कांके के डैम साइड निवासी अभिषेक पांडेय (22 वर्ष), डालटनगंज के पाटन निवासी अक्षय कुमार रवि (22 वर्ष), लापुंग के देवगांव निवासी संतोष कुमार महतो (20 वर्ष) शामिल हैं. संतोष कुमार चौरसिया ने सभी को 20-25 हजार रुपये की नौकरी दिलाने के नाम पर अपने साथ जोड़ा था़
जहां बैंक का चेक प्रिंट होता है, वहीं छपता है नकली चेक
बैंक मैनेजर ने बताया कि जहां बैंक का चेक छपता है, वहीं से नकली चेक छापा गया है़ प्रिंटिंग प्रेस में सभी चेक का बुक का नंबर होता है. एक चेक बुक का डुप्ल्टीकेट चेक बुक छाप एसबीआइकर्मी उस चेक नंबर से एकाउंट नंबर वाले व्यक्ति का सारा डिटेल लेकर इन लोगों को ट्रांसफर करते हैं.
नेता के खाते से भी रुपये उड़ाने की थी तैयारी डुप्लीकेट सिम भी निर्गत करा लिया गया था
इस गिरोह के लोगों ने नेता मनोहर कु यादव के खाते से भी रुपये उड़ाने की योजना तैयार की थी. मनोहर यादव ने बताया इसके लिए 28 नवंबर को बीएसएनएल का डुप्लीकेट सिम भी निर्गत करा लिया गया था. सिम निकालने के लिए कोतवाली थाना में मोबाइल खोने की सनहा दर्ज करायी गयी थी.
सिम निर्गत कराने के लिए उनके नाम का वोटर आइडी दिया गया था. इसमें उनके पिता का नाम सीताराम यादव दर्ज था. जबकि उनके पिता का नाम बालगिर राय है. आइडी में फोटाे भी गिराेह के पकड़े गये सदस्य का है. जब मनोहर ने बीएसएनएल के कर्मचारी से बिना मिलान के सिम निर्गत करने की बात पूछी, तो उन्होंने कहा कि इतने ग्राहक होते हैं कि हमारे पास मिलान करने का समय नहीं रहता. मनोहर का सिम जब काम नहीं करने लगा, तो उन्होंने बीएसएनएल अधिकारी से बात की. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि सिम करप्ट कर गया है. जब मनोहर बीएसएनएल ऑफिस पहुंचे, तो उन्हें सारी बात की जानकारी हुई़

Next Article

Exit mobile version