रांची : कानून अच्छे, पर लागू करानेवाले की नीयत से पड़ता है अंतर :बाबूलाल मरांडी

आदिवासियों के संवैधानिक पहलुओं, आदिवासी एकता व 2019 के चुनाव को लेकर बैठक रांची : झाविमो सुप्रीमो मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि संविधान में आदिवासियों की रक्षा के लिए कई प्रावधान हैं, पर इस बात से अंतर पड़ता है कि उन्हें लागू कराने वाला कौन है़ वर्तमान में राज्य की नियुक्तियों में आरक्षित सीटें […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 5, 2018 6:53 AM
आदिवासियों के संवैधानिक पहलुओं, आदिवासी एकता व 2019 के चुनाव को लेकर बैठक
रांची : झाविमो सुप्रीमो मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि संविधान में आदिवासियों की रक्षा के लिए कई प्रावधान हैं, पर इस बात से अंतर पड़ता है कि उन्हें लागू कराने वाला कौन है़
वर्तमान में राज्य की नियुक्तियों में आरक्षित सीटें खाली जा रही है़ं मेडिकल कॉलेजों की एसटी सीटें भी रिक्त रह जाती है़ं विस्थापन के खिलाफ अलग-अलग जगहों पर चल रहे आंदोलन के साथ एकजुटता प्रकट करने की जरूरत है.
विस्थापितों को न्याय दिलाना है़ आदिवासी-मूलवासियों को उनकी जमीन के नीचे की खनिज संपदा का मालिकाना हक मिलना चाहिए़ वे आदिवासियों के संवैधानिक पहलुओं, आदिवासी एकता और 2019 के चुनाव के विषय पर आदिवासी समाज के अगुवों की बैठक को संबोधित कर रहे थे़ यह बैठक रविवार को जेबी सेलिब्रेशंस सभागार, डिबडीह में हुई.
जमीन बचेगी, तभी बचेंगे आदिवासी
अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि जमीन बचेगी, तभी आदिवासी बचेंगे और उनकी आदिवासियत बचेगी़ आदिवासी समाज की समस्याओं के समाधान के लिए सभी 32 जनजातियों की एकजुटता जरूरी है़ अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी जमीन का अधिग्रहण नहीं होना चाहिए़ यदि जनजातीय परामर्शदातृ परिषद के एसटी सदस्य प्रभावित हो जाते हैं, तो उनकी जगह जानकार और आदिवासी हित की चिंता करने वाले गैर आदिवासियों को रखना चाहिए़
पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि आदिवासियों को सबसे अधिक भाजपा सरकार ने छला है़ आज उनकी संस्कृति, परंपराओं, भाषा व संवैधानिक अधिकारों पर खुला हमला हो रहा है़ पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि शिक्षण संस्थानाें में स्थायी नियुक्तियां नहीं की जा रही है़ं कांट्रैक्ट की नियुक्तियों में बाहरी लोग बड़े पैमाने पर बहाल हो रहे है़ं उनके लिए जगह बनायी जा रही है़ डॉ करमा उरांव ने कहा कि सरकार आदिवासियों की आबादी घटा कर प्रस्तुत करती है़
आरएसएस के इशारे पर संविधान बदलने की है साजिश : डुंगडुंग
मानवाधिकार कार्यकर्ता ग्लैडसन डुंगडुुंग ने कहा कि सरकार कॉमन सिविल कोड लागू करना चाहती है़ आरएसएस के इशारे पर पूरा संविधान बदलने की साजिश है़
सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला ने कहा कि सरकार नौजवान व किसानों को पलायन करने पर मजबूर कर रही है़ दिनेश उरांव ने कहा कि सरकार आदिवासियों को धर्म के नाम पर लड़ाना चाहती है़ मंच का संचालन राजकुमार नागवंशी ने किया़ इस अवसर पर पूर्व मंत्री थियोडोर किड़ो, बलकू उरांव, अजय तिर्की, रतन मुंडा, जगदीश लोहरा, शिवा कच्छप, बिबियान लकड़ा आदि मौजूद थे़

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