रांची : मुख्यमंत्री स्मार्ट ग्राम व विधायक आदर्श ग्राम योजना का पैसा नहीं हो पाया खर्च

रांची : मुख्यमंत्री स्मार्ट ग्राम योजना और विधायक आदर्श ग्राम योजना में एक भी पैसा खर्च नहीं हुआ है. महालेखाकार द्वारा 31 मार्च 2017 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के लिए जारी रिपोर्ट के ब्योरे से इस बात की जानकारी मिलती है. हालांकि 31 मार्च 2016 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के दौरान इन योजनाओं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 10, 2018 7:29 AM
रांची : मुख्यमंत्री स्मार्ट ग्राम योजना और विधायक आदर्श ग्राम योजना में एक भी पैसा खर्च नहीं हुआ है. महालेखाकार द्वारा 31 मार्च 2017 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के लिए जारी रिपोर्ट के ब्योरे से इस बात की जानकारी मिलती है. हालांकि 31 मार्च 2016 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के दौरान इन योजनाओं पर बजट की पूरी राशि खर्च हुई थी. राज्य सरकार ने गांवों के लिए नियमित रूप से चलनेवाली ग्रामीण विकास योजनाओं के अतिरिक्त योजना चलाने का फैसला किया था.
इसके तहत मुख्यमंत्री स्मार्ट ग्राम योजना और विधायक आदर्श ग्राम योजना शुरू करने का फैसला किया गया था.मुख्यमंत्री स्मार्ट ग्राम योजना के तहत चयनित गांवों को आधारभूत संरचना के साथ ही इंटरनेट और इ-गवर्नेंस की सुविधा प्रदान करना था. एजी की रिपोर्ट के अनुसार, इस योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2015-16 में एक करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया था. वित्तीय वर्ष 2016-17 में मुख्यमंत्री स्मार्ट ग्राम योजना के लिए 85 लाख रुपये का बजटीय प्रावधान किया था. पर इसमें से एक पैसा भी खर्च नहीं हुआ. इसी तरह विधायक आदर्श ग्राम विकास योजना के तहत विधायकों की अनुशंसा पर कुल 100 गांवों में सड़क, पेयजलापूर्ति सहित सभी जन सुविधाएं उपलब्ध कराने का फैसला किया गया था.
वित्तीय वर्ष 2016-17 में आदर्श ग्राम योजना के लिए सरकार ने अपने कोष से 39.98 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया था. संबंधित वित्तीय वर्ष में इस मद की पूरी राशि खर्च हुई थी. पर वित्तीय वर्ष 2016-17 में इस योजना के लिए किये गये बजटीय प्रावधान में से एक भी पैसा खर्च नहीं हो सका. वर्ष 2016-17 में आदर्श ग्राम योजना के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था, जो खर्च नहीं किया जा सका.
मुख्यमंत्री स्मार्ट ग्राम योजना : इसके तहत चयनित गांवों को आधारभूत संरचना के साथ इंटरनेट की सुविधाओं से जोड़ना था
आदर्श ग्राम विकास योजना : इसके तहत विधायकों की अनुशंसा पर कुल 100 गांवों में सड़क, पेयजलापूर्ति व अन्य सुविधाएं मुहैया कराना था

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