वाजपेयी ने अलग झारखंड राज्य का सपना किया साकार, छोटे राज्यों के थे पक्षधर

रांची: हरदिल अजीज नेता और तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी छोटे राज्यों के पक्षधर थे. उन्होंने अलग झारखंड राज्य का पांच दशक पुराना सपना साकार किया. झारखंड को अटल बिहारी वाजपेयी के सपनों की धरती भी कहा जाता है. इसे भी पढ़ें : LIVE: एम्स का हेल्थ बुलेटिन जारी, पैतृक गांव […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 16, 2018 11:54 AM

रांची: हरदिल अजीज नेता और तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी छोटे राज्यों के पक्षधर थे. उन्होंने अलग झारखंड राज्य का पांच दशक पुराना सपना साकार किया. झारखंड को अटल बिहारी वाजपेयी के सपनों की धरती भी कहा जाता है.

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असाधारण व्यक्तित्व के धनी अटल जी कई मायने में अनूठी सोच रखते हैं. अलग झारखंड का निर्माण अटल बिहारी वाजपेयी की सोच का ही परिणाम है. अटलजी ने एक साथ तीन राज्यों का गठन किया था. उनकी सूझ-बूझ का ही परिणाम रहा कि तीनों राज्यों का अपने मूल राज्य से कोई बड़ा विवाद खड़ा नहीं हुआ, जैसा कि आंध्रप्रदेश से तेलंगाना के अलग होने के बाद हुआ.

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ज्ञात हो कि आदिवासी महासभा ने जयपाल सिंह मुंडा के नेतृत्व में अलग झारखंड राज्य का सपना देखा था. इसके बाद 1930 से लगातार आंदोलनों का सिलसिला चलता रहा. वर्ष 2000 में जब केंद्र मेंएनडीए की सरकार बनी, तो तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने धरती आबा बिरसा मुंडा के जन्मदिन के मौके पर 15 नवंबर, 2000 को इस सपने को हकीकत में बदल दिया. बिहार से अलग होकर झारखंड देश के 28वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया.

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