बच्चा बेचने का मामला गरमाया: केंद्र सरकार का आदेश- मिशनरीज के देशभर के शिशु गृहों की जांच करें सरकारें

नयी दिल्ली/रांची : मिशनरीज ऑफ चैरिटी से बच्चे बेचने की खबरों के बीच केंद्र सरकार ने संस्था के देशभर में सभी शिशु गृहों की तुरंत जांच के आदेश जारी किये हैं. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने मामले में स्वतः संज्ञान लेकर राज्य सरकारों को जांच के आदेश दिए हैं. गांधी ने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 17, 2018 8:50 AM

नयी दिल्ली/रांची : मिशनरीज ऑफ चैरिटी से बच्चे बेचने की खबरों के बीच केंद्र सरकार ने संस्था के देशभर में सभी शिशु गृहों की तुरंत जांच के आदेश जारी किये हैं. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने मामले में स्वतः संज्ञान लेकर राज्य सरकारों को जांच के आदेश दिए हैं. गांधी ने राज्यों से महीनेभर के अंदर सभी बाल देखभाल केंद्रों का रजिस्ट्रेशन करने और उन्हें सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (कारा) के साथ जोड़ने के आदेश भी दिये हैं.

संशोधित जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत सभी बाल देखभाल केंद्र कारा के साथ जोड़ना अनिवार्य हैं. वर्तमान में करीब 4000 केंद्र कारा के साथ जोड़ने शेष हैं. यहां चर्चा कर दें कि झारखंड की राजधानी रांची के मिशनरीज ऑफ चैरिटी से बच्चे बेचने का मामला चर्चा में है.

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अनिमा ने क्या किया कबूल
मिशनरीज ऑफ चैरिटी द्वारा संचालित निर्मल हृदय संस्था की सिस्टर कोंसीलिया और कर्मी अनिमा इंदरवार से पुलिस अधिकारियों की टीम ने बच्चा चोरी कर बेचने के मामले में उनकी संलिप्तता के बारे में पूछताछ की. पूछताछ में दोनों ने बच्चे को अवैध तरीके से बेचने और इसके एवज में रुपये लेने में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है. पुलिस अधिकारियों ने रिकॉर्ड के अनुसार, संस्था में दाखिल हुई 120 महिला और उनके जन्मे बच्चों के बारे में पूछताछ शुरू की. तब दोनों खामोश हो गयी. मामले में दोनों ने अभी किसी अन्य की संलिप्तता की जानकारी नहीं दी. हालांकि, पुलिस संस्था से जुड़ी अन्य लोगों के संलिप्तता के बारे में जानकारी एकत्र कर रही है.

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मुख्यमंत्री का आदेश

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पिछले दिनों प्रोजेक्ट भवन में मिशनरीज ऑफ चैरिटी से जुड़े मामले की समीक्षा की और रांची के डीसी-एसएसपी से मामले की जानकारी ली. उन्होंने वरीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जांच का दायरा बढ़ायें. रांची की तरह प्रदेश में और भी संस्थाएं हैं, जो बच्चों की देखभाल करती हैं. इन संस्थाओं की भी जांच करें, ताकि भविष्य में किसी तरह की गड़बड़ियों को होने से रोका जा सके.

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