मिशनरीज़ मामले में नया मोड़, बोले ADGP- 280 नहीं सिर्फ चार बच्चे लापता ,तीन मिल गये

रांची : झारखंड के मदर टेरेसा के मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी के मामले में अब नया मोड़ आया है. एडीजीपी रंजीत कुमार मलिक ने उन दावों को झूठा करार दिया है जिसमें 280 बच्चों के लापता होने की बात कही जा रही है. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, 280 बच्चों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 12, 2018 12:32 PM

रांची : झारखंड के मदर टेरेसा के मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी के मामले में अब नया मोड़ आया है. एडीजीपी रंजीत कुमार मलिक ने उन दावों को झूठा करार दिया है जिसमें 280 बच्चों के लापता होने की बात कही जा रही है. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, 280 बच्चों के लापता होने की खबर गलत है. चार बच्चे लापता थे. जिनमें से तीन मिल गये हैं.

मलिक के बयान का जिक्र करते हुए वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट किया, 280 बच्चों के गायब होने की खबर गलत है ,सिर्फ चार बच्चे लापता थे जिसमे से तीन मिल गये. कार्रवाई जारी है… दुष्प्रचार के इस दौर में किस तरह रांची और दिल्ली के बीच सच गुम हो जाता है. इस खबर से जितना नुकसान होना था, वह पहले ही हो गया.
गौरतलब है कि CWC को पूरे झारखंड में 280 बच्चों को बेचे जाने की जानकारी मिली थी. इसी आधार पर नेताओं की प्रतिक्रिया आयी थी. यह खबर अखबारों की सुर्खियां भी बना है. ध्यान रहे कि इस पूरे मामले की जांच के लिए डीजीपी ने पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा, राज्य की अपराध शाखा इस तरह के मामलों की जांच करने में सक्षम है. लेकिन, उसका अधिकार क्षेत्र सिर्फ एक करोड़ रुपये से कम के मामलों में है. अगर राशि एक करोड़ से ज्यादा की है, तो जांच कराने में सक्षम एजेंसी सीबीआई है.
अब तक की जांच में मिशनरीज ऑफ चैरिटी के एक भी बैंक खाते की न तो जांच की गयी है और न ही उसकी जानकारी ही दी गयी है. कांके रोड में रिहायशी भूखंड खरीदना कहीं न कहीं एफसीआरए एक्ट, सोसायटी ऑफ रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 या ट्रस्ट एक्ट 1882 का उल्लंघन है. इसलिए मिशनरीज ऑफ चैरिटी के आय व्यय की जांच आयकर विभाग से करायी जा सकती है.

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