पारंपरिक रीति-रिवाज से मनायें करम महोत्सव : फूलचंद तिर्की

रांची: केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि करम महोत्सव प्रकृति से जुड़ा सांस्कृतिक त्याेहार है और सभी समुदायों से आग्रह है कि वे इसे पारंपरिक रीति- रिवाज, विधि-विधान से मनायें. चर्च में करम गाड़ कर करमदेव का अपमान न करें. वे किशुनपुर सरना समिति द्वारा सरना स्थल में आयोजित कार्यक्रम में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 29, 2017 7:44 AM
रांची: केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि करम महोत्सव प्रकृति से जुड़ा सांस्कृतिक त्याेहार है और सभी समुदायों से आग्रह है कि वे इसे पारंपरिक रीति- रिवाज, विधि-विधान से मनायें. चर्च में करम गाड़ कर करमदेव का अपमान न करें. वे किशुनपुर सरना समिति द्वारा सरना स्थल में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे़.

उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज ईसाई धर्मगुरुओं से सावधान रहे, अन्यथा बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू, जतरा टाना भगत, नीलांबर-पीतांबर के वंशज धरती से लुप्त हो जायेंगे़ विशिष्ट अतिथि संदीप उरांव ने कहा कि कुछ आदिवासी संगठन सिर्फ पर्व-त्योहारों के समय चंदा वसूली के लिए सक्रिय रहते हैं. ऐसे लोगों से व्यवसायी वर्ग को सावधान रहने की जरूरत है़.
बैठक की अध्यक्षता महावीर मुंडा ने की. इसमें डबलू मुंडा, किस्टोमणि तिर्की, प्रियंका देवी, वीणा कुजूर, अंजलि उरांव, राजेंद्र मुंडा, मदन लोहरा, आनंद लोहरा, दिनेश मुंडा, राजन मुंडा, विनोद लोहरा, सावित्री देवी, अमित उरांव, कमलेश कच्छप, करमी देवी, रजनी उरांव, गीता देवी व अन्य मौजूद थे़

Next Article

Exit mobile version