#jharkhand जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर चार साल की सजा, मॉनसून सत्र में धर्मांतरण निषेध बिल लायेगी सरकार

विवेक चंद्र रांची : राज्य सरकार गुजरात की तर्ज पर झारखंड में भी धर्मांतरण को लेकर कानून लाने की तैयारी में है. गृह विभाग ने इसका प्रारूप तैयार कर लिया गया है. सरकार मॉनसून सत्र के दौरान विधानसभा में इसे धर्मांतरण निषेध विधेयक के रूप में पेश करेगी. सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को होनेवाली कैबिनेट […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 31, 2017 6:50 AM

विवेक चंद्र

रांची : राज्य सरकार गुजरात की तर्ज पर झारखंड में भी धर्मांतरण को लेकर कानून लाने की तैयारी में है. गृह विभाग ने इसका प्रारूप तैयार कर लिया गया है. सरकार मॉनसून सत्र के दौरान विधानसभा में इसे धर्मांतरण निषेध विधेयक के रूप में पेश करेगी. सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को होनेवाली कैबिनेट की बैठक में इस प्रारूप को पेश किया जा सकता है.

तैयार प्रारूप के अनुसार, लालच देकर या जबरन धमका कर धर्म परिवर्तन कराने पर जेल की सजा के अलावा जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है. ऐसी स्थिति में धर्मांतरण करानेवाले को दोषी पाये जाने पर तीन वर्ष तक की जेल और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा दी जा सकती है. धर्म परिवर्तन करनेवाला अगर अनुसूचित जाति या जनजाति समुदाय का हो, तो धर्मांतरण करानेवाले को चार वर्ष की सजा हो सकती है.

उपायुक्त को देनी होगी सूचना : अगर कोई स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करता है, तो उस स्थिति में उसे स्थानीय प्रशासन को अनिवार्य रूप से सूचित करना होगा. संबंधित व्यक्ति को इसकी सूचना उपायुक्त को देनी होगी. उपायुक्त को बताना होगा कि उसने कहां, किस समारोह में और किन लोगों के समक्ष धर्म परिवर्तन किया है. स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन की सूचना सरकार को नहीं देने पर कठोर कार्रवाई का प्रावधान किया गया है.

मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए अलग से कानून बनाने की घोषणा की थी. पलामू में हुई भाजपा की पिछली कार्यसमिति में भी धर्मांतरण निषेध बिल लाने का प्रस्ताव पारित किया गया था. इसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृह विभाग ने देश के विभिन्न राज्यों में लागू कानून का अध्ययन कराया था.

अंधविश्वास को बढ़ावा देनेवाले कार्यक्रमों पर भी रोक लगाने की तैयारी में है झारखंड सरकार

सरकार ऐसे कार्यक्रमों पर भी रोक लगाने की तैयारी में है, जिनसे अंधविश्वास को बढ़ावा मिलता है. सूत्रों के अनुसार, इसके लिए भी सरकार जल्द कोई कानून लायेगी.

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