दो दिन टला भुरकुंडा लोकल सेल खुलने का मामला

विस्थापित व संघर्ष मोर्चा ने सेल खुलने से रोका, विरोध में सेल समिति ने भुरकुंडा का कोयला डिस्पैच ठप किया

By VIKASH NATH | October 13, 2025 7:56 PM

13बीएचयू0002-सेल में गाड़ियों को घुसने से रोकते लोग, 0003-विरोध में कोयला ट्रांसपोर्टिंग रोकने बैठे सेल समिति के लोग, 0004-सुनसान लोकल सेल. विस्थापित व संघर्ष मोर्चा ने सेल खुलने से रोका, विरोध में सेल समिति ने भुरकुंडा का कोयला डिस्पैच ठप किया भुरकुंडा. भुरकुंडा लोकल सेल, जो पिछले चार वर्षों से स्थायी रूप से बंद था, सोमवार को पुनः चालू नहीं हो सका. सेल को 1500 टन कोयला लोडिंग के लिए आवंटित किया गया है, लेकिन विरोध के कारण लोडिंग शुरू नहीं हो पायी. सोमवार को सेल चालू करने की पूरी तैयारी थी. मजदूर लोडिंग प्वाइंट पर पहुंच चुके थे और गाड़ियां भी प्रवेश के लिए तैयार थीं, लेकिन सुबह नौ बजे रैयत विस्थापित मोर्चा और झारखंड बेरोजगार संघर्ष मोर्चा के समर्थक कांटा घर के पास धरने पर बैठ गये और किसी भी गाड़ी को सेल में प्रवेश नहीं करने दिया. सेल समिति के सैकड़ों मजदूर लोडिंग प्वाइंट पर काम शुरू होने का इंतजार करते रहे. दोपहर करीब दो बजे तक गाड़ियों को अंदर नहीं घुसने देने से नाराज होकर समिति के लोगों ने छठ मंदिर के समीप भुरकुंडा कोलियरी का चक्का जाम कर दिया. इससे बलकुदरा खदान से कोयला डिस्पैच पूरी तरह ठप हो गया. करीब दो घंटे तक कोयला डिस्पैच बाधित रहा. इसके बाद मौके पर पीओ कुमार राकेश सत्यार्थी पहुंचे और समिति के लोगों से वार्ता की. उन्होंने आश्वासन दिया कि दो दिनों के भीतर लोकल सेल को चालू कर दिया जायेगा और दोनों पक्षों के बीच समन्वय स्थापित करने का प्रयास किया जायेगा. कोयला डिस्पैच रोकने वालों में गिरधारी गोप, दर्शन गंझू, झरी मुंडा, अजय सिंह, प्रेम साहू, बबन पांडेय, योगेंद्र यादव, पंकज सिंह, संतोष कुमार, राणा प्रताप सिंह, खुश्बू देवी समेत सैकड़ों लोग शामिल थे. वहीं कांटा घर के पास धरना देने वालों में रंजीत बेसरा, वीरेंद्र मांझी, शंकर मांझी, किशुन नायक, सन्नी बेसरा, श्रीनाथ करमाली, सुखदेव उरांव, दीपक भुइयां, ब्रह्मदेव मुर्मू, शिवलाल मुर्मू आदि शामिल थे. पूर्व में इस लोकल सेल से प्रतिदिन 30–40 ट्रक कोयला डिस्पैच होता था, जिससे प्रत्यक्ष रूप से 500 मजदूरों और अप्रत्यक्ष रूप से सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलता था. करीब पांच हजार मजदूरों को रोटेशन के तहत काम मिलता था. लंबे समय बाद सेल के पुनः संचालन की उम्मीद से क्षेत्र में उत्साह है. सफलता पूर्वक लोडिंग और डिस्पैच होने पर कोयला आवंटन बढ़ाने की योजना है.

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