कभी नौकरी से निकाले गए थे, आज हैं लाखों मजदूरों की आवाज, कौन हैं एटक के राष्ट्रीय सम्मेलन का नेतृत्व करनेवाले रमेंद्र कुमार?

Ramendra Kumar: एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेंद्र कुमार को कभी कोलियरी प्रबंधन ने नौकरी से निकाल दिया था. आज वह लाखों मजदूरों की मजबूत आवाज हैं. 11 जून को 13वां केंद्रीय सम्मेलन बरका-सयाल क्षेत्र भुरकुंडा सीसीएल ऑफिसर्स गेस्ट हाउस में आयोजित होगा. इसमें 265 डेलीगेट शामिल होंगे.

By Guru Swarup Mishra | June 10, 2025 8:42 PM

Ramendra Kumar: रामगढ़, सलाउद्दीन-एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेंद्र कुमार को मात्र आठ महीने नौकरी करने के बाद प्रबंधन ने हटा दिया था. वर्ष 1963 में एनसीबीसी सयाल कोलियरी में नौकरी करने आए रमेंद्र कुमार आज लाखों मजदूरों की आवाज हैं. 13वां केंद्रीय सम्मेलन 11 जून को बरका-सयाल क्षेत्र भुरकुंडा सीसीएल ऑफिसर्स गेस्ट हाउस में आयोजित होगा. ट्रेड यूनियन के राष्ट्रीय नेता रमेंद्र कुमार ने इस सम्मेलन और यूनियन की गतिविधियों की जानकारी मंगलवार को दी.

2012 में बने एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष


रमेंद्र कुमार ने कोयला खदानों में मजदूरों के शोषण और संघर्ष के खिलाफ आवाज उठाने का निर्णय लिया था. यूनियन की राजनीति में सक्रिय भागीदारी निभाते हुए वर्ष 2012 में मुंबई में आयोजित एआइटीयूसी के राष्ट्रीय अधिवेंशन में एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए. जिस शख्स को कोलियरी में काम से निकाल दिया गया, वह आज लाखों मजदूरों के जीवन को संवारने में जुटे हैं. लगभग 13 वर्षों से झारखंड की सभी कोलियरी में एटक यूनियन का नेतृत्व कर रहे हैं.

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सम्मेलन में भाग लेंगे 275 डेलीगेट-रमेंद्र कुमार


रमेंद्र कुमार ने बताया कि इस सम्मेलन में 275 डेलीगेट भाग लेंगे. यूनियन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि शहीद मजदूरों का रहा है. सौंदा डी, पोड़ा कोलियरी समेत कई प्रोजेक्ट में मजदूरों की आवाज को दबाने के विरोध में आंदोलन हुआ. इसमें कई मजदूर शहीद हुए. एटक का गठन ही आजादी से पहले हुआ है. 1939 में एआइटीयूसी संगठन में अंग्रेजों के खिलाफ व प्राइवेट कोयला खदान के मालिकों के खिलाफ मजदूरों के हित में लड़ायी लड़ी है.

मजदूरों की चुनौतियों के समाधान पर होगा मंथन-रमेंद्र कुमार

रमेंद्र कुमार ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय कोयला कंपनियों के राष्ट्रीयकरण में भी संगठन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. उन्होंने बताया कि मजदूरों को नया वेतनमान प्रतिशत के आधार पर बढ़ोतरी को पूरा कराने में भी अहम भूमिका निभायी है. सेवानिवृत्त कोयला कर्मियों को चिकित्सा सुविधा स्किम से जुड़वाया. वर्तमान समय में मजदूरों के समक्ष चुनौतियों का समाधान कैसे होगा? इसका रोडमैप बनेगा.

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