नारी सशक्तिकरण की पहचान बनीं मधुबाला, ट्रैक्टर का स्टेयरिंग थाम पेश की मिसाल
Women Empowerment Jharkhand: पलामू की महिला मुखिया मधुबाला ने ट्रैक्टर से खेतों की जुताई कर महिलाओं के लिए मिसाल पेश की है. उन्होंने यह बता दिया कि महिलायें भी ट्रैक्टर का स्टेयरिंग थाम और संभाल सकती हैं. अब अन्य महिलायें मधुबाला से प्रेरणा ले रही हैं.
Women Empowerment Jharkhand| पाटन, रामनरेश तिवारी: पलामू जिले के पाटन प्रखंड के रूदीडीह पंचायत की मुखिया मधुबाला देवी ने कृषि क्षेत्र में ट्रैक्टर से खेतों की जुताई कर एक अनोखी क्रांति ला दी है. मधुबाला देवी सफल गृहिणी तो हैं ही मुखिया बनने के बाद पंचायत की जिम्मेदारी भी संभाल रही हैं. अब उन्होंने खेती किसानी का काम भी संभालना शुरू कर दिया है.
महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बनीं मधुबाला
महिलायें अब हर क्षेत्र में पुरुषों के बराबर हैं. चाहे वह शिक्षण कार्य हो, नौकरी का क्षेत्र हो , पंचायत प्रतिनिधियों का क्षेत्र हो या कुछ और सभी जगह महिलाओं का दबदबा दिखाई देने लगा है. विज्ञान और आधुनिकता की दौड़ में नारी सशक्त हो रही है. आज लड़कियां किसी भा क्षेत्र में किसी में कम नहीं है. हर जगह महिलायें कदम से कदम मिलाकर पुरूषों के साथ मोर्चा संभाल रही हैं.
वैसे तो खेती-बाड़ी में महिलाएं पुरुषों का हाथ बढ़ाती ही हैं, लेकन रूदीडीह पंचायत की मुखिया मधुबाला देवी ट्रैक्टर से स्वयं खेत की जोताई शुरू की तो लोग उन्हें इस भूमिका में देखकर दंग रह गये. सभी लोगों ने उनकी तारीफ कहा कि ऐसा करने से अन्य महिलाओं को भी प्रेरणा मिलेगी.
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मधुबाला ने क्या कहा
इस संबंध में मधुबाला देवी ने कहा कि महिला अब किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं.वह किसान की बेटी है और खेती उनका अपना काम है. खेती का मौसम आने ही वाला है. ऐसे में खेतों की जोताई जरूरी है. इसलिए खेत की जोताई कर रही हूं. जब खेत तैयार रहेगा तो बारिश होते ही धान का बिछड़ा करने में आसान होगा .
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पहले केवल पुरुष ही करते थे ट्रैक्टर से जुताई
मालूम हो कि खेती में महिलायें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं. खेत जुताई के समय वह खेत में ही मौजूद रहती हैं. वहीं बीज लगाने,मकई आदि की कोड़ाई करने, धान की रोपाई करने,धान गेहूं सहित अन्य फसलों की कटाई करने सहित अन्य खेती के कार्यों में महिलाओं का बड़ा योगदान होता है. लेकिन जब ट्रैक्टर चलाने की बात आती है, तो इसमें पुरुष ही आगे रहते हैं. पुरुषों के द्वारा ही ट्रैक्टर से खेतों की जुताई की जाती है.
महिलाओं के मन में उठी ललक
मधुबाला देवी ने जब ट्रैक्टर का स्टेयरिंग पड़कर खेत की जुताई शुरू की, तो अन्य महिलाओं के दिल में भी इस तरह के कार्य करने की ललक उमड़ पड़ी. अन्य महिलाओं ने भी मुखिया के इस कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि एक दिन उनके द्वारा भी ट्रैक्टर चलाया जायेगा.
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