जीएलए कॉलेज के तोरण द्वार पर लगा विवि का बोर्ड, विरोध

कॉलेज के पूर्ववर्ती व वर्तमान छात्र-छात्राओं ने आंदोलन की दी चेतावनी

By Akarsh Aniket | September 26, 2025 9:46 PM

कॉलेज के पूर्ववर्ती व वर्तमान छात्र-छात्राओं ने आंदोलन की दी चेतावनी प्रतिनिधि, मेदिनीनगर शहर के पांकी रोड बारालोटा में जीएलए कॉलेज के तोरण द्वार पर नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय का बोर्ड लगाया गया है. विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ दिनेश कुमार सिंह के निर्देश पर यह बोर्ड लगाया गया. इसके बाद जीएलए कॉलेज के पूर्ववर्ती व वर्तमान में अध्ययनरत विद्यार्थियों के अलावा विभिन्न छात्र संगठनों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है. बोर्ड बदलने का यह मामला तेजी से तूल पकड़ने लगा है. छात्र संगठनों का यह आरोप है कि कुलपति ने नियम और संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया है. उनका कहना है कि वर्षों पहले पलामू में शिक्षा के विकास के लिए शहर के शिक्षाविद गणेश लाल अग्रवाल ने अपनी 84 एकड़ जमीन दान किया था. इस जमीन पर भवन का निर्माण कर उनके नाम से कॉलेज खोला गया.यह कॉलेज अपने जमाने का एक मात्र उच्च शिक्षा का केंद्र था. हजारों छात्र-छात्राएं इस कॉलेज में शिक्षा ग्रहण कर अपना भविष्य बना चुके है.जब पलामू में नीलांबर-पीतांबर विवि की स्थापना हुई तो भवन निर्माण के लिए प्रशासन ने जगह उपलब्ध नहीं कराया. ऐसी स्थिति में शिक्षा के विकास व छात्र-छात्राओं की सुविधा के लिए जीएलए कॉलेज की 25 एकड़ भूमि विश्वविद्यालय के भवन निर्माण के लिए दिया गया. विश्वविद्यालय का भवन बन गया. डीपीआर में विश्वविद्यालय के लिए कालेज के मार्ग से अलग रास्ता का उल्लेख है. इसके बावजूद कुलपति ने मनमाने तरीके से जीएलए कॉलेज के तोरण द्वार का बोर्ड हटाकर विश्वविद्यालय का बोर्ड लगा दिया है.पूर्ववर्ती छात्रों व छात्र संगठनों का कहना है कि कालेज की ऐतिहासिक पहचान को मिटाने की कोशिश की गयी है. यदि कुलपति विश्वविद्यालय का बोर्ड नहीं हटाते हैं, तो छात्र संगठन व पूर्ववर्ती छात्र मुखर होकर आंदोलन करेंगे. पलामू के इतिहास के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. कॉलेज का बोर्ड हटाकर कुलपति ने जमीनदाता शिक्षाविद स्वर्गीय गणेश लाल अग्रवाल का अपमान किया है. एनएसयूआइ, आपसू सहित अन्य छात्र संगठनों ने आंदोलन करने की चेतावनी दी है. इधर कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्रों का प्रतिनिधिमंडल प्राचार्य की अनुपस्थिति में कॉलेज के इतिहास विभागाध्यक्ष से मुलाकात किया और अपनी भावना से अवगत कराया. पूर्ववर्ती छात्र प्रेम भसीन, सुरेश सिंह, उपेंद्र मिश्रा, प्रभात मिश्रा सुमन, प्रेम प्रकाश, हेमेद्र नारायण लाल, राजहंस अग्रवाल, दिनेशचंद्रा सहित अन्य ने कुलपति द्वारा कॉलेज का बोर्ड बदले जाने पर आपत्ति जताया. इधर व्यापार मंडल के अध्यक्ष श्रवण गुप्ता ने कहा कि एतिहासिक धरोहर को मिटाने का यह कुत्सित प्रयास कुलपति ने किया है. यह जमीनदाता का अपमान है. शहर के पांकी रोड बारालोटा में जीएलए कॉलेज के तोरण द्वार पर नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय का बोर्ड लगाया गया है. विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ दिनेश कुमार सिंह के निर्देश पर यह बोर्ड लगाया गया. इसके बाद जीएलए कॉलेज के पूर्ववर्ती व वर्तमान में अध्ययनरत विद्यार्थियों के अलावा विभिन्न छात्र संगठनों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है. बोर्ड बदलने का यह मामला तेजी से तूल पकड़ने लगा है. छात्र संगठनों का यह आरोप है कि कुलपति ने नियम और संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया है. उनका कहना है कि वर्षों पहले पलामू में शिक्षा के विकास के लिए शहर के शिक्षाविद गणेश लाल अग्रवाल ने अपनी 84 एकड़ जमीन दान किया था. इस जमीन पर भवन का निर्माण कर उनके नाम से कॉलेज खोला गया.यह कॉलेज अपने जमाने का एक मात्र उच्च शिक्षा का केंद्र था. हजारों छात्र-छात्राएं इस कॉलेज में शिक्षा ग्रहण कर अपना भविष्य बना चुके है.जब पलामू में नीलांबर-पीतांबर विवि की स्थापना हुई तो भवन निर्माण के लिए प्रशासन ने जगह उपलब्ध नहीं कराया. ऐसी स्थिति में शिक्षा के विकास व छात्र-छात्राओं की सुविधा के लिए जीएलए कॉलेज की 25 एकड़ भूमि विश्वविद्यालय के भवन निर्माण के लिए दिया गया. विश्वविद्यालय का भवन बन गया. डीपीआर में विश्वविद्यालय के लिए कालेज के मार्ग से अलग रास्ता का उल्लेख है. इसके बावजूद कुलपति ने मनमाने तरीके से जीएलए कॉलेज के तोरण द्वार का बोर्ड हटाकर विश्वविद्यालय का बोर्ड लगा दिया है.पूर्ववर्ती छात्रों व छात्र संगठनों का कहना है कि कालेज की ऐतिहासिक पहचान को मिटाने की कोशिश की गयी है. यदि कुलपति विश्वविद्यालय का बोर्ड नहीं हटाते हैं, तो छात्र संगठन व पूर्ववर्ती छात्र मुखर होकर आंदोलन करेंगे. पलामू के इतिहास के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. कॉलेज का बोर्ड हटाकर कुलपति ने जमीनदाता शिक्षाविद स्वर्गीय गणेश लाल अग्रवाल का अपमान किया है. एनएसयूआइ, आपसू सहित अन्य छात्र संगठनों ने आंदोलन करने की चेतावनी दी है. इधर कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्रों का प्रतिनिधिमंडल प्राचार्य की अनुपस्थिति में कॉलेज के इतिहास विभागाध्यक्ष से मुलाकात किया और अपनी भावना से अवगत कराया. पूर्ववर्ती छात्र प्रेम भसीन, सुरेश सिंह, उपेंद्र मिश्रा, प्रभात मिश्रा सुमन, प्रेम प्रकाश, हेमेद्र नारायण लाल, राजहंस अग्रवाल, दिनेशचंद्रा सहित अन्य ने कुलपति द्वारा कॉलेज का बोर्ड बदले जाने पर आपत्ति जताया. इधर व्यापार मंडल के अध्यक्ष श्रवण गुप्ता ने कहा कि एतिहासिक धरोहर को मिटाने का यह कुत्सित प्रयास कुलपति ने किया है. यह जमीनदाता का अपमान है.

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