50 दशक में मोहम्मदगंज में शुरू हुई दुर्गापूजा मनाने की परंपरा

कोयल नदी से जल उठाव, बीरधवर में पंडाल और रावण दहन की तैयारी

By Akarsh Aniket | September 22, 2025 9:57 PM

कोयल नदी से जल उठाव, बीरधवर में पंडाल और रावण दहन की तैयारी फोटो 22 डालपीएच- 16 प्रतिनिधि, मोहम्मदगंज नवरात्र के पहले दिन प्रखंड के भीमचूल्हा परिसर में कलश स्थापना को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. मंदिर पुजारी गंगा तिवारी ने बताया कि इस वर्ष पहली बार कोयल नदी से जल उठाव किया गया. मोहम्मदगंज प्रखंड के कादल कुर्मी, शिलापर, मोहम्मदगंज व गढ़वा के कांडी क्षेत्र के भंडरिया और मोरबे के पूजा पंडालों में कलश स्थापना के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. सुबह से दोपहर तक लोग भगवाधारी वस्त्र पहनकर कलश में जल भरते और माता के जयकारे लगाते देखे गये. ढोल-बाजे और भक्ति गीतों की धुन से पूरा इलाका भक्तिमय हो गया. इधर थाना परिसर में आयोजित शांति समिति की बैठक में बताया गया कि प्रखंड में कुल सात लाइसेंसधारी और 13 बिना लाइसेंसधारी पूजा पंडालों में प्रतिमा स्थापित की जा रही है. प्रशासन की ओर से सभी पंडालों में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है. शिलापर दुर्गा पूजा समिति में वराणसी से पधारे पुष्पेंद्र मिश्र, नदीपर गांव में वीरेंद्र मिश्र और मोहम्मदगंज पूजा कमेटी में परता गांव के श्रीकांत मिश्रा द्वारा नवरात्र पाठ जारी है. बताया जाता है कि मोहम्मदगंज में दुर्गा पूजा की शुरुआत मुखिया स्वर्गीय अक्षेबर नाथ सिंह ने 50 के दशक में की थी. उसी समय पहली बार स्टेशन परिसर में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गयी थी. इस बार पूरे प्रखंड में 20 स्थानों पर प्रतिमा स्थापित की जा रही है. प्रखंड का एकमात्र बीरधवर गांव अपने दुर्गा पूजा पंडाल और नाटक कार्यक्रमों के लिए प्रसिद्ध है. यहां स्थानीय कलाकारों द्वारा रामायण पर आधारित जीवंत नाटक प्रस्तुत किया जाता है. रावण दहन के दिन 30 फीट ऊंचे पुतले को देखने के लिए आसपास के गांवों से भारी भीड़ उमड़ती है. पूजा समिति ने बताया कि बीरधवर में करीब 20 वर्षों से दुर्गा पूजा का आयोजन हो रहा है और रावण का पुतला गांव के लोग मिलजुलकर आकर्षक रूप में तैयार करते हैं.

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