प्रभु की शरणागति ही सुखमय जीवन का आधार : भक्ति सिद्धांत
इस्कॉन का तीन दिवसीय हरे कृष्ण उत्सव का समापन
इस्कॉन का तीन दिवसीय हरे कृष्ण उत्सव का समापन प्रतिनिधि, मेदिनीनगर शहर के संस्कृत महाविद्यालय परिसर में इस्कॉन हरे कृष्ण प्रचार केंद्र (गीता भवन) के द्वारा आयोजित तीन दिवसीय हरे कृष्ण उत्सव का समापन बुधवार को हुआ. इस्कॉन के बद्रिका आश्रम से पधारे प्रचारक भक्ति सिद्धांत दास ने भागवत कथा का रसपान कराया. उन्होंने कथा के दौरान मानव जीवन के उत्थान का विवेचन किया. कहा कि ईश्वर ने दुर्लभ मानव शरीर दिया है. इसका उद्देश्य परमात्मा को प्राप्त करना है.सच्चिदानंद स्वरूप परम पुरुष परमात्मा ही सुख का आधार है. हम सभी संसार में रहकर सुख की तलाश में भटक रहे हैं. जबकि इस दुखमय संसार में सुख क्षणिक है. संसार में मिले सुख का भोग करने से संतुष्टि नहीं मिलती. इसलिए जीव शाश्वत सुख की खोज में लगा रहता है. उन्होंने कहा कि श्रीमद भागवत गीता, पुराण जैसे शास्त्रों का यह मत है कि परमात्मा की प्राप्ति में ही शाश्वत सुख व आनंद मिलता है. प्रभु शरणागति ही सुखमय जीवन का आधार है. इसलिए सांसारिक मोह माया का त्याग कर प्रभु की शरण में रहकर जीवन व्यतीत करना चाहिए. उन्होंने भक्तजनों व श्रद्धालुओं को बताया कि गीता के उपदेशों को जीवन में आत्मसात करें. गीता के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण ने मानव कल्याण का मार्ग दिखाया है. प्रभु भक्तों को चाहिए कि अपने मन की आसक्ति को दूर करें और परमात्मा के भजन में लीन हो जायें. प्रभु नाम का जप व उनकी लीलाओं का चिंतन, मनन एवं स्मरण करने से मन पवित्र होता है. उन्होंने भक्तों व श्रद्धालुओं को भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति करने के लिए प्रेरित किया. उत्सव में शामिल भक्त जन हरिनाम संकीर्तन व नृत्य कीर्तन करते हुए भाव विभोर हो गये. नाटक के माध्यम से समाज के लोगों को आध्यात्मिक संदेश व कल्याणकारी उपदेश दिया गया. भजन कीर्तन व प्रवचन के बाद श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण किया गया. मौके पर नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर राकेश सिंह उर्फ मंगल सिंह, अरविंद सिंह, मिथिलेश, रूपेश,अभिषेक,अमृतकेली सहित काफी संख्या भक्त व श्रद्धालु शामिल थे.
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