.सुदना जलापूर्ति केंद्र : एक माह से बंद है पानी की आपूर्ति, हज़ारों लोग बेहाल
.सुदना जलापूर्ति केंद्र : एक माह से बंद है पानी की आपूर्ति, हज़ारों लोग बेहाल
मेदिनीनगर. नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत सुदना जलापूर्ति केंद्र से पिछले एक माह से जलापूर्ति पूरी तरह ठप है. इससे पोषक क्षेत्र के दर्जनों मोहल्लों के हज़ारों लोग पानी की भारी समस्या झेल रहे हैं. नल से पानी आना तो दूर, लोग दूर-दराज़ से पानी ढोने को मजबूर हैं. गर्मी, बरसात या जाड़ा—हर मौसम में इस जलापूर्ति केंद्र में कोई न कोई तकनीकी खराबी बनी रहती है. 20 जुलाई से पूरी तरह बंद है जलापूर्ति : स्थानीय सूत्रों के अनुसार, 20 जुलाई से मोटर पंप के वाल्व में खराबी के कारण जलापूर्ति बंद है. हालांकि, असल परेशानी इससे पहले 22 जून को शुरू हुई थी, जब वज्रपात के कारण ट्रांसफॉर्मर जल गया था. उसके बाद से कभी भी नियमित आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी. स्थानीय लोगों का कहना है कि जलापूर्ति केंद्र में हमेशा मरम्मत का ही काम चलता रहता है, लेकिन स्थायी समाधान नहीं किया जाता. पानी बिना फिल्टर के ही सप्लाई किया जाता है, जिससे पानी की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े होते हैं. जब निगम प्रशासन को लाखों रुपये टैक्स के रूप में मिलते हैं, तो फिर पीने योग्य पानी क्यों नहीं दिया जा रहा. यह लोगों का बड़ा सवाल है. फिलहाल राहत की कोई उम्मीद नहीं : पानी आपूर्ति कब शुरू होगी, इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं है. फिलहाल मोटर पंप का वाल्व कुएं में पानी के नीचे डूबा है, क्योंकि हाल ही में कोयल नदी में बाढ़ आयी है. जब तक जलस्तर नहीं घटता, मरम्मत संभव नहीं होगी. सुदना जलापूर्ति केंद्र में 60 एचपी के दो मोटर पंप लगे हैं, लेकिन करीब ढाई साल से एक मोटर पंप खराब पड़ा है. मई 2024 में जब पानी की आपूर्ति रुकी थी, तब ऑपरेटर ने जले हुए पंप और स्टार्टर की मरम्मत की मांग की थी. सितंबर 2024 में मरम्मत हुई, लेकिन स्टार्टर काम नहीं कर रहा था. 27 सितंबर को फिर से नया स्टार्टर लगाने की मांग की गयी, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. लोगों में रोष : स्थानीय निवासी धीरेन्द्र पांडेय, सुशीला कुमारी, ज्योति सिंह, लव कुमार तिवारी, विनोद पाठक, विजय कुमार, दिनेश तिवारी, पीएन मिश्रा, बबलू तिवारी, बसंत दुबे, रामचंद्र पासवान, प्रेमचंद नंदा पांडेय सहित अन्य लोगों ने नगर निगम प्रशासन की घोर लापरवाही पर नाराज़गी जतायी है. उनका कहना है कि जब गुणवत्ता युक्त पानी नहीं मिलेगा, तो टैक्स क्यों दें? लाखों की राशि खर्च होने के बावजूद दूसरा मोटर पंप चालू नहीं किया गया. इसका जवाब कौन देगा. निगम की कार्यशैली पर उठे सवाल : स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया है कि जलापूर्ति केंद्र को ठीक करने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है. जनता को न तो नियमित पानी मिल रहा है, न ही पारदर्शिता. इस जलसंकट से जूझ रहे लोग अब जवाब मांग रहे हैं.
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