झारखंड के पलामू में पत्थर माफियाओं का लाठी, डंडे और कुल्हाड़ी से हमला, नौ वनकर्मी घायल

Stone Mafia Attacked: पलामू के छतरपुर में पत्थर माफियाओं ने वनकर्मियों पर हमला कर दिया. इसमें कई वनकर्मी घायल हो गए. छतरपुर अनुमंडलीय अस्पताल से उन्हें मेदिनीनगर रेफर कर दिया गया.

By Guru Swarup Mishra | March 23, 2025 2:57 PM

Stone Mafia Attacked: छतरपुर (पलामू), निखिल सिन्हा-पलामू जिले के छतरपुर थाना क्षेत्र की सिलदाग पंचायत के बसडीहा गांव के जंगल में पत्थर माफियाओं ने वन विभाग कर्मियों पर हमला कर दिया. इसमें नौ वनकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्हें छतरपुर अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए मेदिनीनगर रेफर कर दिया गया. सिलदाग पंचायत के एनएच-98 से लगभग तीन किलोमीटर दूर स्थित बसडीहा के जंगल में बीती रात कुछ पत्थर माफिया ट्रैक्टर पर अवैध पत्थर लोड कर रहे थे. इस पर कार्रवाई करते हुए छतरपुर पूर्वी के वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, जहां कार्रवाई के दौरान 30 से 35 की संख्या में अज्ञात पत्थर माफियाओं ने लाठी, डंडे और कुल्हाड़ी लेकर वन कर्मियों पर हमला कर दिया. घटना शनिवार रात्रि करीब 10 बजे की है.

जंगल में वन विभाग की टीम पर कर दिया अचानक हमला

बसडीहा तथा उसके आसपास के जंगलों में आए दिन पत्थर माफिया वन क्षेत्र से अवैध रूप से पत्थरों का उत्खनन कर ट्रैक्टर पर लोड कर रहे हैं. इस सूचना के आलोक में कार्रवाई करते हुए पूर्वी वन क्षेत्र छतरपुर द्वारा कार्रवाई की जा रही थी. जब वन कर्मी बसडीहा पहुंचे तो देखा कि अवैध पत्थर तोड़कर ट्रैक्टर पर लोड किया जा रहा है. इस पर कार्रवाई के दौरान पत्थर माफियाओं के द्वारा वन विभाग की टीम पर हमला कर दिया गया. हमले में करीब 30 से 35 लोग लाठी, डंडे लेकर वन कर्मियों पर टूट पड़े. हमले में कुछ वनकर्मियों की हालत गंभीर बताई जा रही है.

सूचना मिलते ही रात में जंगल पहुंचे पुलिस पदाधिकारी

वनपाल लक्ष्मीकांत पांडेय, वनपाल सक्सिज उरांव, वनकर्मी अजय कुमार, संतोष उरांव, पंकज कुमार, आशुतोष कुमार तिवारी, विनोद कुमार, राकेश पासवान, राहुल कुमार समेत कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. हमले के बाद शनिवार की रात को घटना की जानकारी पुलिस को दी गयी. सूचना मिलते ही छतरपुर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अवध कुमार यादव, प्रभारी थाना प्रभारी अनिल कुमार रजक घटनास्थल पर पहुंचे और घायल वनकर्मियों को छतरपुर अनुमंडलीय अस्पताल लाया. यहां से बेहतर इलाज के लिए उन्हें मेदिनीनगर रेफर कर दिया गया है.

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