अधिकारों के प्रति सतत जागरूक रहने की जरूरत : डॉ ऋचा सिंह
राजनीति शास्त्र, दर्शनशास्त्र एवं इतिहास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में संगोष्ठी
राजनीति शास्त्र, दर्शनशास्त्र एवं इतिहास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में संगोष्ठी प्रतिनिधि, मेदिनीनगर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर बुधवार को जनता शिवरात्रि महाविद्यालय में राजनीति शास्त्र, दर्शनशास्त्र एवं इतिहास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इसका विषय समसामयिक समाज में मानव अधिकार था. मुख्य अतिथि जीएलए कॉलेज के राजनीति शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ ऋचा सिंह, एनपीयू के दर्शनशास्त्र विभाग के डॉ विभेष चौबे, जीएलए कॉलेज के इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ संजय बाड़ा योध सिंह नामधारी महिला महाविद्यालय के सहायक अध्यापक डॉ ललित भगत ने संयुक्त रूप से संगोष्ठी का उदघाटन किया.कार्यक्रम के संयोजक डॉ स्वीटी बाला, सहायक प्राध्यापक बर्नार्ड टोप्पो व रवि रोशन मिंज ने अतिथियों का स्वागत किया.स्वागत भाषण प्राचार्य डॉ अजय पासवान ने कार्यक्रम की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला व विभागों के प्रयास की सराहना की. मुख्य अतिथि डॉ ऋचा सिंह ने सोशल मीडिया एवं एआइ तकनीक से मानवाधिकार संबंधी चुनौतियों पर प्रकाश डाला.आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के दौर में मानवाधिकार की चुनौतियों की चर्चा करते हुए कहा कि इस तकनीक के अनगिनित लाभ है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य का अधिकार शिक्षा को बेहतर करने, देश की संप्रभूता को रक्षा करने में इसका इस्तेमाल हो रहा है. लेकिन कई चुनौतियां भी है. उन्होंने कहा कि निचिता का हनन, नौकरियांं के जाने का खतरा है. इन सबके प्रति सतर्क रहकर ही हम अपने अधिकारों की रक्षा कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि सतत जागरूक रहकर ही हम अपने अधिकारों का हासिल कर सकते है. डॉ विभेष चौबे ने दर्शनशास्र के परिपेक्ष्य में मानवाधिकारों के संदर्भ में प्रकाश डाला. डॉ ललिता भगत ने मानव मूल्यों एवं दर्शन के परिपेक्ष्य में अपनी बात रखी. डॉ संजय बाड़ा ने झारखंड एवं मानवधिकार संबंधी मामलों पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि झारखंड विस्थापन, खनन, तस्करी, महिला उत्पीड़न, बाल उत्पीड़न आदि समस्याओं से जूझ रहा है. उन्होंने विभिन्न संदर्भों का उल्लेख करते हुए झारखंड के आदिवासी एवं मूलवासी समुदाय के मानवाधिकार उल्लंघन संबंधी केस स्टडी पर प्रकाश डालते हुए कई उदाहरण प्रस्तुत किया. छात्रों की ओर से भी वक्ताओं से सवाल किये गये, जिसका जवाब दिया गया. मौके पर डॉ सुरेश साहू के अतिरिक्त महाविद्यालय के सभी शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी, विद्यार्थी मौजूद थे.
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