पलामू में इप्टा के 15वें राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर से 500 से अधिक संस्कृतिकर्मियों का होगा जुटान

इप्टा के 15वें राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर के 500 से अधिक संस्कृति कर्मियों का पलामू में जुटान होगा. तीन दिवसीय इस सम्मेलन का आयोजन 17 से 19 मार्च, 2023 को होगा. इस सम्मेलन का नारा 'आओ कि कोई ख्वाब बुनें कल के वास्ते' रखा गया है.

By Samir Ranjan | November 20, 2022 6:59 PM

Jharkhand News: इप्टा (IPTA) का 15वां राष्ट्रीय सम्मेलन सह अखिल भारतीय सांस्कृतिक समारोह मार्च, 2023 में पलामू में होगा. 17 से 19 मार्च, 2023 को होनेवाले इस राष्ट्रीय सम्मेलन देश के 500 से अधिक संस्कृतिकर्मी जुटेंगे. इस सिलसिले में रविवार (20 नवंबर, 2022) को जेलहाता स्थित डॉ अरुण शुक्ला के आवास पर बैठक आयोजित की गयी. बैठक की अध्यक्षता इप्टा के राज्य अध्यक्ष डॉ अरुण शुक्ला और संचालन इप्टा के सचिव रविशंकर ने किया. 

सम्मेलन का नारा होगा ‘आओ कि कोई ख्वाब बुनें कल के वास्ते’

इस मौके पर इप्टा के राष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारी और इसके उद्देश्यों के संदर्भ में अपनी बात रखते हुए इप्टा के राष्ट्रीय सचिव शैलेंद्र कुमार ने कहा कि इप्टा ने अपने संस्कृति कर्म के जरिये प्रेम, दया, करुणा और जम्हूरियत के गीत गाये, इसलिए होने वाले सम्मेलन ने नारा दिया है ‘आओ कि कोई ख्वाब बुनें कल के वास्ते’.

आयोजन सिर्फ इप्टा का नहीं, पूरे पलामू के कलाकारों का है

इप्टा के राज्य महासचिव उपेंद्र मिश्रा ने कहा कि भले ही यह सम्मेलन इप्टा का हो, लेकिन यह पूरा आयोजन पलामू के सभी कलाकारों का है, जिसमें सबों के सहयोग की आवश्यकता है.

देशभर से जुटेंगे 500 से अधिक संस्कृतिकर्मी
इस सम्मेलन में देशभर से 500 से अधिक संस्कृतिकर्मी शामिल होंगे. तीन दिनों तक अलग-अलग राज्यों की लोक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के अलावा देशभर के कई नामचीन कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से इस सम्मेलन को यादगार बनाएंगे.

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सोने वाले जाग गीत से हुई बैठक की शुरुआत

बैठक की शुरुआत पलामू इप्टा के कलाकारों ने सोने वाले जाग समय अंगडाता है… जनगीत से किया. बैठक के अंत में राष्ट्रीय सम्मेलन को सफल बनाने के लिए तैयारी सह आयोजन समिति का गठन किया गया. इप्टा के कलाकारों के कबीर भजन के बाद बैठक समाप्ति की घोषणा की गई.

बैठक में ये थे मौजूद

बैठक में मुख्य रूप से सुरेश जैन, नवल तुलस्यान, प्रेम भसीन, शीला श्रीवास्तव, डॉ संजय तिवारी, डॉ सैफ, मनोज सिंह, सोनू सिंह नामधारी, बीएम पाण्डेय, शब्बीर अहमद, युगल किशोर पाल, बलराम उरांव, मृत्युंजय शर्मा, राजन सिन्हा, अजीत पाठक, पंकज श्रीवास्तव, अमर कुमार भांजा, वंदना कुमारी, इंदु तिवारी, शालिनी श्रीवास्तव, अर्पिता श्रीवास्तव, वर्षा आनंद, आशा शर्मा, केडी सिंह, राजीव कुमार, गगन सिंह, विनीत सिंह, सैयद फिरोज, लल्लन प्रजापति, प्रदीप अकेला, शिव शंकर प्रसाद, प्रसिद्ध राम, दिव्या भगत, डॉ मकबूल मंजर, अब्दुल हमीद, संजय सिंह उमेश, प्रिंस सिंह, प्रभात अग्रवाल, अशफाक अहमद, मुकेश कुमार समेत शहर के अन्य संस्कृतिकर्मी, बुद्धिजीवी, कलाकार एवं समाजसेवी उपस्थित थे.

रिपोर्ट : सैकत चटर्जी, पलामू.

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