प्रकृति की गोद में काशी स्रोत डैम, सैलानियों का बना पसंदीदा पिकनिक स्पॉट
पहाड़ों की अद्भुत शृंखला और नदियों के संगम से सजा मनोरम पर्यटक स्थल, विकास अधर में
पहाड़ों की अद्भुत शृंखला और नदियों के संगम से सजा मनोरम पर्यटक स्थल, विकास अधर में
प्रतिनिधि, मोहम्मदगंज
प्रखंड के जपला–मोहम्मदगंज मुख्य पथ से सबनवा मोड़ के पास मात्र चार किमी दूर स्थित काशी स्रोत डैम इन दिनों सैलानियों का पसंदीदा स्थल बन गया है. प्रकृति की गोद में बसे इस डैम का मनोरम दृश्य किसी भी आगंतुक को मंत्रमुग्ध कर देता है. चारों ओर फैली पहाड़ों की अद्भुत शृंखला और बीच से बहती छोटी-बड़ी नदियों के संगम से बना यह डैम पलामू जिले के श्रेष्ठ प्राकृतिक स्थलों में अपनी अलग पहचान रखता है. दिसंबर से मार्च तक यहां सैलानियों का जत्था पहुंचता है. पहाड़ों और डैम किनारे के पिकनिक स्पॉट पर लोग दिनभर आनंद उठाते हैं. काशी स्रोत नदी को बांधकर बनाये गये इस डैम को इसी नाम से जाना जाता है. स्थानीय लोगों और सैलानियों का मानना है कि खूबसूरती के बावजूद पर्यटन सुविधाओं का पर्याप्त विकास नहीं होने से यह स्थल अपनी पूरी क्षमता नहीं दिखा पा रहा है. लघु सिंचाई विभाग द्वारा प्रारंभिक निर्माण के बाद आगे की विकास योजनाएं जमीन पर नहीं उतारी गईं, जिसका अफसोस आज भी लोगों को है.डैम बनने के बाद निखरी खूबसूरती, पर विकास की राह अटकी
ग्रामीणों की मांग पर 23 नवंबर 2003 को तत्कालीन विधायक संजय कुमार सिंह यादव ने काशी स्रोत डैम के निर्माण की पहल पूरी करायी. लगभग छह वर्गमील जलग्रहण क्षमता वाला यह डैम अब पर्यटक स्थल के रूप में मान्यता पाने की उम्मीद में है. पर्यटन विभाग ने कई बार स्थल का निरीक्षण किया और इसे पर्यटन दृष्टि से उपयुक्त भी माना, लेकिन विकास योजनाओं को धरातल पर उतारा नहीं जा सका. पूर्व बीडीओ परितोष प्रियदर्शी ने भी यहां की प्राकृतिक बनावट और खूबसूरत नजारों की सराहना की थी तथा इसे विकसित करने के लिए विभागीय पत्राचार किया था. उनके तबादले के बाद यह प्रयास ठंडे बस्ते में चला गया और डैम का विकास आज भी ग्रामीणों और सैलानियों के लिए सपना बना हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
