इप्टा का राष्ट्रीय सम्मेलन: बारिश की फुहारों के बीच ‘यूपी में का बा’ फेम नेहा सिंह राठौर ने दर्शकों को झुमाया

नेहा सिंह राठौर के गीतों के पूर्व पंडवानी शैली की लीजेंड तीजन बाई की शिष्या सीमा घोष के द्वारा पांडवानी शैली में गायन प्रस्तुत किया गया. पंडवानी शैली छत्तीसगढ़ की एक गायन शैली है. इसके अंतर्गत पांडवों की कथा कही जाती है. गायन के बाद स्वागत समिति की डॉ वनजा शुक्ला ने सीमा घोष को सम्मानित किया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 20, 2023 7:20 PM

पलामू, सैकत चटर्जी. इप्टा के 15वें राष्ट्रीय सम्मेलन के तीसरे दिन सांस्कृतिक महोत्सव की शुरुआत मौसम खराब हो जाने के कारण टाउन हॉल में की गयी, लेकिन बारिश रुकने के बाद फिर से शिवाजी मैदान में नेहा सिंह राठौर ने अपने गीतों से श्रोताओं को झुमाया. बीच-बीच में बारिश की फुहारों के बीच नेहा के गीतों से दर्शक खूब झूमे. मौसम खराब हो जाने के कारण कई टीमें सांस्कृतिक प्रस्तुति नहीं दे सकीं. अंत में मार्टिन लूथर किंग द्वारा लिखित कामयाबी गीत हम होंगे कामयाब के साथ तीन दिवसीय नीलांबर पितांबर लोक महोत्सव का समापन किया गया. संपूर्ण सांस्कृतिक महोत्सव का संचालन शैलेंद्र कुमार कर रहे थे.

सीमा घोष की गयीं सम्मानित

नेहा सिंह राठौर के गीतों के पूर्व पंडवानी शैली की लीजेंड तीजन बाई की शिष्या सीमा घोष के द्वारा पांडवानी शैली में गायन प्रस्तुत किया गया. पंडवानी शैली छत्तीसगढ़ की एक गायन शैली है. इसके अंतर्गत पांडवों की कथा कही जाती है. सीमा घोष ने अपने गायन के दौरान अभिमन्यु के चक्रव्यूह में फंस जाने की कथा सुनायी. गायन के दौरान शुभजीत चक्रवर्ती, अर्जित चक्रवर्ती, निलोय चक्रवर्ती, विमल चंद्र बैरागी पारंपरिक वाद्य यंत्रों के द्वारा साथ दे रहे थे. सीमा घोष के गायन में शब्दों के साथ भाव-भंगिमा लोगों को काफी पसंद आयी. गायन के बाद स्वागत समिति की डॉ वनजा शुक्ला ने सीमा घोष को सम्मानित किया.

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कार्यक्रम को टाउन हॉल से शिफ्ट किया गया

मौसम साफ होते ही सांस्कृतिक महोत्सव के कार्यक्रमों को शिवाजी मैदान में शिफ्ट किया गया, जहां बिहार इप्टा के द्वारा श्वेता भारती के निर्देशन में झिझिया नृत्य प्रस्तुत किया गया. इसके बाद जानी-मानी लोक गायिका नेहा सिंह राठौर का गायन शुरू हुआ. बेरोजगार बानी साहेब, रोजगार मांगी ला और यूपी में का बा के साथ कई गीत प्रस्तुत करते हुए खेती-किसानी तथा नशेबाजी के सवालों को अपने गीतों में उठाया. मौसम की बेरुखी पर भी नेहा ने गीत गाया. इस दौरान नाल पर भूपेश तथा खंजरी पर संजीत दुबे साथ दे रहे थे.

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