500 करोड़ की लागत से बन रहे आठ ग्रिड व संचरण लाइनें अटकी
टेंडर रद्द होने और टावर खड़े करने में सुस्ती से पलामू प्रमंडल के लोग झेल रहे लो-वोल्टेज व बाधित बिजली आपूर्ति
टेंडर रद्द होने और टावर खड़े करने में सुस्ती से पलामू प्रमंडल के लोग झेल रहे लो-वोल्टेज व बाधित बिजली आपूर्ति
पलामू प्रमंडल (डालटनगंज, गढ़वा, लातेहार) में लगभग 500 करोड़ रुपये की लागत से 2018 में शुरू हुआ आठ ग्रिड व संचरण लाइन का काम सात साल बाद भी अधूरा है. इस कारण उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण व निर्बाध बिजली आपूर्ति नहीं मिल पा रही है. पलामू प्रमंडल में 2018 से चल रहा आठ ग्रिड सब स्टेशन और संचरण लाइन का काम अभी अधूरा है. इस कारण उपभोक्ता लो-वोल्टेज और बाधित आपूर्ति से परेशान हैं. बिजली विभाग के अधिकारियों के अनुसार नौडीहा, भवनाथपुर, महुआडांड़ और चंदवा ग्रिड सब स्टेशन का निर्माण पूरा हो चुका है, लेकिन कई जगहों पर अभी तक जमीन चिन्हित करने का काम अधूरा है. संचरण लाइन के लिए 27 मीटर चौड़ी जमीन की जरूरत होती है. इसमें रैयत, गैर-मजरुआ और वन विभाग की जमीनें शामिल हैं. वन विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) मिलने में भी देरी हो रही है.
टेंडर की उलझनशुरुआत में यह काम बेसिक कंपनी को दिया गया था, बाद में सिंपलेक्स को. लेकिन धीमी रफ्तार और खराब गुणवत्ता के कारण दोनों कंपनियों के टेंडर रद्द कर दिये गये. नवंबर 2024 में यह जिम्मेदारी पावर ग्रिड ऑफ इंडिया, टीम्स इंडिया और आरएस इंफ्रास्ट्रक्चर को सौंपी गयी है.
अभी आधे से भी कम टावर खड़ेआठ संचरण लाइनों के लिए कुल 1,280 टावर खड़े किये जाने हैं. अब तक केवल 768 टावर खड़े हुए हैं, यानी 60% काम पूरा हुआ है. अभी भी 512 टावर लगाने बाकी है. विभाग के अनुसार हर 300 मीटर पर एक टावर खड़ा किया जाता है.
उपभोक्ताओं को हो रही परेशानीअधीक्षण अभियंता संतोष कुमार सिन्हा ने बताया कि लंबी दूरी से बिजली सप्लाई होने पर वोल्टेज ड्रॉप होता है. फिलहाल पांकी, छतरपुर और हरिहरगंज में बिजली डालटनगंज व बी-मोड़ से सप्लाई होती है. दूरी अधिक होने और ब्रेकडाउन होने पर समस्या बढ़ जाती है. यदि ग्रिड और संचरण लाइन चालू हो जाये, तो निर्बाध बिजली आपूर्ति संभव होगी और लो-वोल्टेज की समस्या दूर हो जायेगी.
कहां-कहां बननी है लाइन
रमकंडा–गढ़वा : 132 केवी, 52 किमीछतरपुर–पांकी : 132 केवी, 65 किमी
छतरपुर–लहलहे : 132 केवी, 34 किमीचंदवा–लातेहार : 132 केवी, 23 किमी
भागोडीह–भवनाथपुर : 132 केवी, 23 किमीनौडिहा–छतरपुर : 132 केवी, 18 किमी
छतरपुर–जपला : 132 केवी, 35 किमीजपला–गढ़वा रोड : 132 केवी, 34 किमी
पतरातू–लातेहार : 132 केवी, 100 किमीप्रति किलोमीटर लाइन बिछाने की लागत लगभग 80–90 लाख रुपये आती है.
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