गुटखा खाकर दफ्तर आये युवक को डीआइजी ने समझाया

लामू के डीआईजी नौशाद आलम ने बुधवार को एक युवक को नशा छोड़ने की सलाह देकर एक मिसाल पेश की.

By DEEPAK | June 18, 2025 10:18 PM

प्रतिनिधि, मेदिनीनगर पलामू के डीआईजी नौशाद आलम ने बुधवार को एक युवक को नशा छोड़ने की सलाह देकर एक मिसाल पेश की. वे अपने कार्यालय में कार्यों का निष्पादन कर रहे थे, उसी दौरान छोटू नामक युवक किसी कार्य से उनके पास पहुंचा. डीआइजी ने देखा कि युवक गुटखा चबा रहा है. उन्होंने उसे प्रेमपूर्वक समझाते हुए कहा कि गुटखा व अन्य मादक पदार्थ न केवल शरीर के लिए हानिकारक हैं, बल्कि व्यक्ति के सामाजिक और व्यावसायिक जीवन को भी प्रभावित करते हैं. डीआइजी श्री आलम ने कहा, नशा से दूर रहना ही स्वस्थ जीवन की कुंजी है. गुटखा खाकर आप अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ अपने परिवार और भविष्य के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नशीली वस्तुओं से जुड़े मामलों में यदि किसी युवक पर एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हो जाता है, तो उसकी नौकरी, पासपोर्ट, ठेकेदारी और भविष्य की योजनाएं सभी खतरे में पड़ सकती है. पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट में दर्ज आरोपों के कारण चयनित नौकरी भी हाथ से निकल सकती है. डीआइजी ने कहा कि नशा छोड़ने के लिए केवल व्यक्ति की नहीं, परिवार और समाज की भी भूमिका अहम होती है. अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों पर नजर रखें और नशे की ओर जाते संकेतों को समय रहते पहचाने. उन्होंने कहा कि कई युवा शादी-ब्याह या पार्टी में शौक से नशा शुरू करते हैं, लेकिन धीरे-धीरे वह उनकी लत बन जाती है. उन्होंने कहा कि नशे के व्यापार में लिप्त लोगों पर पुलिस की कड़ी नजर है और ऐसे ठिकानों को बंद करने की आवश्यकता है, जहां से यह सामग्री आसानी से उपलब्ध हो जाती है. डीआइजी ने नशामुक्ति के लिए समाज में अधिक से अधिक काउंसलिंग और जागरूकता अभियान चलाने की बात कही. उन्होंने युवाओं को समझाया कि नशा छोड़ने से न केवल उनका स्वास्थ्य सुधरेगा, बल्कि आर्थिक नुकसान से भी बचा जा सकेगा.

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