भीम बराज में लौटी बोटिंग, पलामू पर्यटन को मिली नई रफ्तार

11 दिसंबर से शुरू हुई पैडल बोटिंग, सैलानियों में बढ़ा उत्साह

By Akarsh Aniket | December 17, 2025 9:43 PM

11 दिसंबर से शुरू हुई पैडल बोटिंग, सैलानियों में बढ़ा उत्साह कुदंन कुमार, मोहम्मदगंज पलामू जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में प्रयास लगातार जारी है. इसी कड़ी में मोहम्मदगंज प्रखंड अंतर्गत भीम बराज में 11 दिसंबर से सैलानियों के लिए बोटिंग सुविधा फिर से बहाल कर दी गयी है. बोटिंग शुरू होते ही यह पर्यटन विभाग के लिए एक महत्वपूर्ण राजस्व स्रोत बन गया है. शुरुआती चरण में दो पैडल बोट उपलब्ध करायी गयी हैं. सैलानियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए आने वाले दिनों में बोट की संख्या बढ़ाये जाने की संभावना है. पैडल बोटिंग शुरू होने से भीम बराज का नजारा और भी आकर्षक हो गया है. पानी की लहरों के बीच बोट की रफ्तार सैलानियों को रोमांच का अनुभव करा रही है. आसपास के जिलों के साथ-साथ बिहार से भी पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं और बोटिंग का आनंद उठा रहे हैं. ऐसे हो रही है राजस्व वसूली दोनों बोट छह-छह सीटर हैं. प्रति सीट बोटिंग शुल्क 100 रुपये निर्धारित किया गया है. सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक बोटिंग की सुविधा उपलब्ध है. मंदिर पुजारी गंगा तिवारी बोटिंग संचालन टीम में शामिल हैं. बोटिंग शुरू होने के बाद वे रोजगार से जुड़े हैं. उन्होंने बताया कि रविवार को सैलानियों की संख्या अधिक रहती है. टिकट काटने और राशि वसूली के साथ भीड़ संभालने की जिम्मेदारी टीम निभा रही है. प्रतिदिन 10 से 12 ट्रिप बोटिंग हो रही है, जिससे विभाग को पर्याप्त राजस्व प्राप्त हो रहा है. बोटिंग संचालन के लिए दो ऑपरेटर रखे गये हैं, जो पहले मलय डैम में सेवा दे चुके हैं. बोटिंग सुविधा शुरू होने से आसपास चाय-नाश्ते व अन्य छोटी दुकानों की संख्या भी बढ़ी है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं. पलामू-गढ़वा के साथ बिहार के सैलानियों का आकर्षण भीम बराज के अपस्ट्रीम में जल संग्रहण स्थिर रहने से बोटिंग संचालन विभाग के लिए आसान हो गया है. इसका श्रेय भीम बराज के कार्यपालक अभियंता विनीत प्रकाश के प्रयासों को दिया जा रहा है. हालांकि पर्यटन विभाग को सख्त निर्देश दिया गया है कि बोटिंग बराज के फाटकों से चिन्हित सीमा के बाहर ही करायी जाये. पहली व 14 जनवरी को रहेगी विशेष नजर भीम बराज परिसर में वर्षों से पिकनिक मनाने की परंपरा रही है. एक जनवरी को नववर्ष और 14 जनवरी को लगने वाले प्राचीन मेला के दौरान बिहार, छत्तीसगढ़, पलामू व गढ़वा जिले के कई गांवों से बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं. ऐसे में बोटिंग उनके लिए नया आकर्षण होगा. घाटों पर भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है. हालांकि बोटिंग स्थल तक पहुंचने के लिए एप्रोच पथ का निर्माण अब तक अधूरा है, जिससे सैलानियों को परेशानी हो रही है. इसे शीघ्र दूर करने की जरूरत है. भीम बराज नौका बिहार समिति कर रही संचालन बोटिंग संचालन के लिए भीम बराज नौका बिहार समिति का गठन किया गया है, जो राजस्व वसूली का कार्य कर रही है. फिलहाल समिति में मोहम्मदगंज प्रखंड के किसी स्थानीय ग्रामीण को शामिल नहीं किया गया है. जिला पर्यटन विभाग के अनुसार समिति में वे लोग शामिल हैं, जो पहले मलय डैम में बोटिंग संचालन से जुड़े थे. स्थानीय लोगों को समिति में शामिल करने की मांग उठ रही है, ताकि वे भी रोजगार से जुड़ सके.पर्यटन केंद्र के बढ़ते महत्व को देखते हुए विभाग ने सैलानियों के ठहरने और विश्राम के लिए भवन निर्माण का प्रस्ताव भी तैयार किया है. भूमि चिह्नित कर निर्माण प्रक्रिया अंतिम चरण में बतायी गयी है. यह सुविधा नये साल में सैलानियों को उपलब्ध होने की उम्मीद है. रेल व सड़क मार्ग से जुड़ा है पर्यटन स्थल भीम बराज पर्यटन स्थल रेल व सड़क दोनों मार्गों से जुड़ा हुआ है. बिहार के सोननगर–गढ़वा रोड रेलखंड पर स्थित मोहम्मदगंज स्टेशन से यह स्थल करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर है. जिला मुख्यालय मेदिनीनगर से सड़क मार्ग से लगभग 70 किमी, गढ़वा जिला से 35 किमी और बिहार सीमा से 25 किमी दूर स्थित होने के कारण सैलानियों के लिए यहां पहुंचना आसान है.

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