देश में समाजवाद की जगह कायम है कॉरपोरेट राज

मेदिनीनगर : बुधवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का 93 वां स्थापना दिवस मनाया गया. इसे लेकर रेड़मा स्थित जिला कार्यालय में समारोह का आयोजन हुआ. पार्टी के जिला सचिव रुचिर कुमार तिवारी ने पार्टी का झंडोत्तोलन किया. इस अवसर पर पार्टी के नेताओं एवं सदस्यों के द्वारा नारा लगाया गया. मांदर की थाप पर नृत्य […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 27, 2018 8:45 AM
मेदिनीनगर : बुधवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का 93 वां स्थापना दिवस मनाया गया. इसे लेकर रेड़मा स्थित जिला कार्यालय में समारोह का आयोजन हुआ. पार्टी के जिला सचिव रुचिर कुमार तिवारी ने पार्टी का झंडोत्तोलन किया. इस अवसर पर पार्टी के नेताओं एवं सदस्यों के द्वारा नारा लगाया गया. मांदर की थाप पर नृत्य प्रस्तुत किया गया.
समारोह की अध्यक्षता मनाजरूल हक ने की. पार्टी के सदस्य करीमन भुइंया एवं आंदोलन के दौरान पारा शिक्षकों की हुई मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया गया. पार्टी के राज्य कार्यकारिणी सदस्य सूर्यपत सिंह ने पार्टी की स्थापना के उद्देश्य एवं कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला. कहा कि 26 दिसंबर 1925 को कानपुर में आयोजित बैठक में सीपीआइ की स्थापना की गयी. इसका मुख्य उद्देश्य पूर्ण आजादी व समता मूलक समाज का निर्माण करना था.
अपने उद्देश्यों को लेकर सीपीआइ ने आंदोलन तेज किया. देश को पूर्ण रूप से आजाद कराने में नौजवानों को सफलता मिली. लेकिन समतामूलक समाज का निर्माण नहीं हो सका. समाजवाद के बदले कॉरपोरेट राज कायम है. कॉरपोरेट राज्य को समाप्त कर समाजवादी समतामूलक समाज की स्थापना के लिए कम्युनिस्टों को एकजुट होने की जरूरत है.
जिला सचिव रुचिर कुमार तिवारी ने कहा कि केंद्र व राज्य में भाजपा की तानाशाह सरकार चल रही है. गरीबी व बेकारी का दंश झेल रहे युवाओं में आक्रोश है. वहीं काम के बदले वेतन की मांग कर रहे पारा शिक्षकों पर दमन चक्र चलाया जा रहा है. किसान के खेत सूखे है.
मजदूरों को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में सीपीआइ आंदोलन तेज करेगी. किसानों, मजदूरों व युवाओं को गोलबंद किया जायेगा. इसके लिए जनवरी व फरवरी माह में सदस्यता अभियान चलायी जायेगी. मौके पर कृष्ण मुरारी दुबे, बद्रीनाथ सिंह, गोपाल पाठक, चंनदशेखर तिवारी, शमशुद्दीन अंसारी, रामनंदन विश्वकर्मा, सुरेश ठाकुर, जीतन उरांव, फेकन उरांव, रामजन्म राम, मृत्युंजय, प्रभु साव, कामेश्वर सिंह, रउफ अंसारी, गनउरी भुइंया, पारो देवी, तेतरी देवी, विमला कुंवर, कलीम अंसारी,अल्लाउदीन आदि मौजूद थे.

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