लोहरदगा : एक शिक्षक के भरोसे 70 बच्चे

संदीप साहू, किस्को : सरकार की तरफ से शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम चलाये जा रहे है. इससे शहरी क्षेत्र के विद्यालयों व बच्चों को लाभ भी मिल रहा है, लेकिन पहाड़ की गोद पर बसे किस्को प्रखंड के कई विद्यालयों व इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को इसका कोई लाभ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 10, 2018 7:20 AM
संदीप साहू, किस्को : सरकार की तरफ से शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम चलाये जा रहे है. इससे शहरी क्षेत्र के विद्यालयों व बच्चों को लाभ भी मिल रहा है, लेकिन पहाड़ की गोद पर बसे किस्को प्रखंड के कई विद्यालयों व इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है. ग्रामीण इलाके के लिए यह प्रयास सिर्फ कागजी प्रयास साबित हो रहा है.
प्रखंड क्षेत्र के कसियाडीह राजकीय उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय में एक से पांच तक की कक्षाएं चलती है. इस स्कूल में 70 बच्चे नामांकित है. यह स्कूल एकमात्र शिक्षक के भरोसे चल रहा है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विद्यालय के बच्चों को कितनी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलती होगी.
एक ही कक्षा में एक से पांच तक के बच्चों को बैठा कर पढ़ाया जाता है. विद्यालय भवन की स्थिति काफी जर्जर है. छत का प्लास्टर टूट कर गिरने लगा है. इससे शिक्षक बच्चों को बरामदे में बैठा कर पढ़ाते है. मध्याह्न भोजन भी जर्जर भवन में बनाया जाता है.
शिक्षक अाफताफ आलम ने कहा
विद्यालय के शिक्षक अाफताफ आलम ने बताया कि विद्यालय भवन की जर्जर स्थिति से विभाग को अवगत कराया गया है, लेकिन विद्यालय भवन की मरम्मत अब तक नहीं हो सकी है. बच्चों को कक्षा में न बैठा कर बरामदा में बैठा कर पढ़ाया जाता है. उन्होंने बताया कि अकेला शिक्षक होने से न तो वे छुट्टी ले पाते है और न ही बच्चों को सही तरीके से पढ़ा पा रहे है. उन्होंने बताया कि अकेले होने से ज्ञान सेतु कार्यक्रम नहीं चल पा रहा है.

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