इस बार दीवाली पर लोकल फॉर वोकल की धूम, मिट्टी के दीयों से रौशन होंगे घर
इस बार दीवाली पर लोकल फॉर वोकल की धूम, मिट्टी के दीयों से रौशन होंगे घर
लोहरदगा़ लोहरदगा जिला में इस बार दीपों का त्योहार दीपावली लोकल फॉर वोकल के संदेश के साथ और भी रंगीन होने जा रही है. बाजारों में विदेशी झालरों और प्लास्टिक सजावट के बजाय मिट्टी के दीयों, हाथ से बने दीपों और पारंपरिक सजावटी वस्तुओं की मांग में जबरदस्त इजाफा देखा जा रहा है. लोगों का रुझान बता रहा है कि वे इस बार दिवाली पारंपरिक तरीके से मनाने को उत्साहित हैं. ग्राहक स्वदेशी वस्तुएं मांग रहे हैं : शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों तक कुम्हार परिवार मिट्टी के दीये, खिलौने और बर्तन बनाने में जुटे हैं. अभी से ही ऑर्डर पूरा करना मुश्किल हो रहा है. शहर के बाजारों में मिट्टी के दीये खरीदने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अरेया गांव निवासी हरिओम प्रजापति ने बताया कि इस साल बिक्री में काफी बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा, लोग अब मिट्टी के दीयों की ओर लौट रहे हैं. पहले विदेशी लाइटों से बाजार भरे रहते थे, लेकिन अब ग्राहक स्वदेशी वस्तुएं मांग रहे हैं. महिलाएं और बच्चे भी दीयों को रंगने व सजाने में व्यस्त हैं. कुम्हार परिवार की महिलाएं रंगीन दीये, मिट्टी की मूर्तियां और पारंपरिक पूजा सामग्री तैयार कर बाजारों में बेच रहीं हैं, जिससे उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है. सरकार के लोकल फॉर वोकल अभियान ने लोगों की सोच बदल दी है : कुम्हार समाज के प्रतिनिधि प्रेम किशोर प्रजापति और बासुदेव प्रजापति ने बताया कि इस बार ग्राहकों की पहली पसंद मिट्टी के दीये हैं. उन्होंने कहा, सरकार के लोकल फॉर वोकल अभियान ने लोगों की सोच बदल दी है. अब हर कोई चाहता है कि त्योहार में अपने क्षेत्र के कारीगरों का भी योगदान हो. इसको लेकर जिले में समाज की ओर से जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. दीपावली के इस पर्व पर लोहरदगा की गलियां और घर मिट्टी के दीयों की रोशनी से जगमगायेंगे और स्थानीय कारीगरों के चेहरे भी इस उजाले में मुस्कुरायेंगे.
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