यहां विकास की बात बेमानी है, चलने के लिए बेहतर सड़क भी नहीं है
यहां विकास की बात बेमानी है, चलने के लिए बेहतर सड़क भी नहीं है
किस्को़ जिले में विकास के बड़े दावे किये जाते हैं, लेकिन धरातल पर सच्चाई कुछ और है. ग्रामीण इलाकों में लोगों को चलने के लिए बेहतर सड़क तक नहीं है और अधिकारी व जनप्रतिनिधि केवल भाषणों तक ही सीमित रह गये हैं. किस्को प्रखंड क्षेत्र के आनंदपुर से दसरा टोली जाने वाली सड़क जर्जर हालत में होने के कारण ग्रामीणों को आवागमन में गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सड़क पर नुकीले पत्थर और कीचड़ से पैदल चलना भी कठिन हो गया है. बरसात के दिनों में जलजमाव और फिसलन से लोगों की मुश्किलें बढ़ जाती है. स्कूली बच्चों को विशेष कठिनाई होती है. ग्रामीण सितंबर उरांव, ढरु उरांव, सोमरा भगत, जुरा उरांव, राजमणि कुमारी, सुजीता कुमारी, सुनील साहू सहित अन्य ने बताया कि सड़क की हालत बेहद दयनीय है. कुछ दूर तक ग्रामीणों ने चंदा एकत्र कर सड़क में डस्ट और मोरम डालकर इसे दुरुस्त करने का प्रयास किया है. सड़क पर बड़े-बड़े पत्थर निकले होने के कारण पैदल चलना भी मुश्किल है. यह सड़क कई गांवों को पंचायत और प्रखंड से जोड़ती है, लेकिन निर्माण वर्ष 2000 से पहले कराये जाने के कारण अब खस्ताहाल है और कई दुर्घटना भी होते रहती है. ग्रामीणों ने कहा कि कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से मांग करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई है. लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन को विवश हैं. उन्होंने प्रशासन से जल्द संज्ञान लेने और सड़क निर्माण कार्य शुरू करने की मांग की, ताकि आवागमन सुरक्षित और सुगम हो सके. दलाली और भ्रष्टाचार से ग्रामीण परेशान : राजमणि कुमारी ने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ सही तरीके से नहीं मिलता, और यदि मिलता भी है तो दलाली की रकम काटकर मिलता है. राजमणि ने बताया कि यहां सब कुछ कागजों में होता है. प्रखंड में दलाल हावी हैं. सड़क चलने लायक नहीं है. स्कूलों में बेहतर शिक्षा नहीं है. पूरा राशन नहीं मिलता है. जुरा उरांव ने कहा कि जहां सड़क नहीं है वहां विकास की बातें बेकार हैं, नेता और अधिकारी केवल वादे करते हैं, जबकि जनता भ्रष्टाचार और लापरवाही से त्रस्त है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द सुधार नहीं किया गया तो रोजमर्रा की जिंदगी और बच्चों के स्कूल आने-जाने में और अधिक मुश्किलें बढ़ेंगी, इसलिये सड़क निर्माण प्राथमिकता बननी चाहिए.
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