धनतेरस की तैयारियों में जुटे लोग, सोने-चांदी की बढ़ती कीमतों के बावजूद दिख रहा उत्साह
धनतेरस की तैयारियों में जुटे लोग, सोने-चांदी की बढ़ती कीमतों के बावजूद दिख रहा उत्साह
लोहरदगा़ जिले में धनतेरस की तैयारियां जोरों पर है. लोग घरों की साफ-सफाई, पूजा-अर्चना और खरीदारी की तैयारियों में व्यस्त हैं. इस बार सोने-चांदी की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि के बावजूद लोगों में गहनों की खरीदारी का उत्साह बना हुआ है. खत्री ज्वेलरी हाउस के संजय खत्री और नीरज खत्री ने बताया कि भीड़ से बचने के लिए लोग अग्रिम बुकिंग कर रहे हैं. चांदी के सिक्कों की मांग भी बढ़ गयी है. उन्होंने बताया कि लाइटवेट सोने के गहनों का विशाल रेंज उपलब्ध है और हाल र्माक गहनों का संग्रह है. उन्होंने कहा कि इस बार ग्राहकों में हल्के वजन के सोने के गहनों, चांदी के आधुनिक और एंटिक डिजाइनों की विशेष मांग है. लोग सालभर धनतेरस पर खरीदारी के लिए बचत करते हैं. पंडित अखिलेश मिश्रा ने बताया कि धनतेरस का पर्व कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है, जो दीपावली उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है. इस वर्ष त्रयोदशी तिथि 18 अक्तूबर दिन शनिवार को दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से प्रारंभ हो रहा है जो 19 अक्तूबर रविवार को दोपहर एक बजकर 51 मिनट तक रहेगी. इस वर्ष यह पर्व 18 अक्तूबर को मनाया जायेगा. धनतेरस को स्वास्थ्य, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना गया है. इस दिन धन के देवता कुबेर, स्वास्थ्य के देवता धन्वंतरि और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान इसी दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए यह दिन आयुर्वेद और आरोग्य का प्रतीक माना जाता है. धनतेरस के दिन लोग सोना-चांदी, नये बर्तन, वाहन और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं खरीदते हैं. घरों में रंगोली, दीप और तोरण से सजावट की जाती है. धनतेरस केवल धन की पूजा का पर्व नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा को जीवन में आमंत्रित करने का प्रतीक है.
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