लोहरदगा का ये किसान बना लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत, 100 रुपये से खरीदी एक बकरी, आज है 200 का मालिक

पाखर पंचायत अंतर्गत तिसिया सलैया के जंगलों में बसा करकट गांव का रहनेवाला लूथर मुरुम बकरी पालन कर गांव के अन्य लोगों के लिए प्रेरणाश्रोत बन गया है.

By Prabhat Khabar | October 7, 2021 2:13 PM

लोहरदगा : पाखर पंचायत अंतर्गत तिसिया सलैया के जंगलों में बसा करकट गांव का रहनेवाला लूथर मुरुम बकरी पालन कर गांव के अन्य लोगों के लिए प्रेरणाश्रोत बन गया है. लूथर बकरी पालन कर अपने परिवार का भरण-पोषण अच्छे तरीके से कर रहा है. बकरी पालन से उसे हजारों रुपये की आमदनी हो रही है. लूथर बताते है कि वे 20 साल पूर्व भुखमरी की कगार पर था.

उस समय लकड़ी बेच कर किसी तरह अपने परिवार का भरण-पोषण करता था. लूथर मुरुम ने बताया कि मां ने वर्षों पहले मुझे 100 रुपये दिये थे. उस रुपये से उसने चांपी बाजार से देसी नस्ल की एक बकरी खरीद कर घर लाया व उसे पालने लगा. उसी बकरी से वर्तमान समय में उसके पास 200 देसी नस्ल की बकरियां हैं. किसान लूथर ने बकरी पालन से न सिर्फ अपना सपना पूरा किया,

बल्कि उसने अपने घर परिवार की तकदीर बदल डाली. लूथर को बकरी पालन से अच्छी कमाई होने लगी. उसने अपने बेटा-बेटी की पढ़ाई भी अच्छी स्कूल व कॉलेजों से कराया. लूथर मुरुम ने बताया कि वह तीन बेटे व तीन बेटियां की परवरिश बकरी बेच कर मिलने वाले पैसे से की. उसने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई भी बकरी पालन के सहारे किया. लूथर मुरुम की बेटियां इंटर तक की पढ़ाई की है. उनकी शादी लूथर ने कर दी है.

लूथर बताते है कि महंगाई में बकरी पालन से घर परिवार का जीविकोपार्जन चलता है. ज्ञात हो कि अति सुदूरवर्ती क्षेत्र होते हुए लूथर मुरुम आज बकरी पालन कर अपना व अपने घर परिवार वालों का भरण-पोषण अच्छी तरह से कर रहा है. एक समय ऐसा भी था कि दो वक्त की रोटी की जुगाड़ वह इधर-उधर से करता था. लेकिन एक बकरी ने उसके परिवार वालों की जिंदगी बदल दी.

नक्सल प्रभावित क्षेत्र का रहने वाला लूथर बकरी पालन कर जिले के किसानों के लिए प्रेरणादायक बन गया. क्षेत्र के लोग लूथर मुरुम की काबिलियत की प्रशंसा करते हैं. लूथर मुरुम ने बताया कि वह जिस घर में रहता है, उसी घर में बकरियों को भी रखता है.

Next Article

Exit mobile version