अरेया पंचायत सचिवालय में उपायुक्त ने की आमजनों के साथ की बैठक, कहा
उपायुक्त डॉ. ताराचंद किस्को ने अरेया पंचायत सचिवालय में आमजनों के साथ बैठक कर उनकी समस्याएं सुनीं और समाधान के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए.
सब्जी उत्पादक बनायें अपना एफपीओ, मिलेगा अधिक मुनाफा पंचायत से बाल विवाह, डायन प्रथा का करें मिलकर उन्मूलन फोटो आमजनों के साथ बैठक करते डीसी लोहरदगा. उपायुक्त डॉ. ताराचंद किस्को ने अरेया पंचायत सचिवालय में आमजनों के साथ बैठक कर उनकी समस्याएं सुनीं और समाधान के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए. उन्होंने कहा कि अरैया पंचायत में बड़ी संख्या में किसान सब्जी की खेती करते हैं, लेकिन उन्हें अपने उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिल पाता. इसके लिए उन्होंने किसानों को एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) गठित करने की सलाह दी. एफपीओ के माध्यम से किसान सामूहिक रूप से अपने उत्पाद बाजार में बेच सकते हैं, जिससे उन्हें बेहतर मूल्य मिलेगा. उपायुक्त ने बताया कि यदि एफपीओ का तीन वर्षों का ट्रांजेक्शन मानक के अनुरूप हो तो सरकार अधिकतम ग्रांट देती है, जिसे वापस नहीं लौटाना होता. किसानों को बीज की खरीद लैम्प्स/पैक्स के माध्यम से करने पर 50 प्रतिशत सब्सिडी मिल सकती है. साथ ही, बीज की गुणवत्ता भी बेहतर होती है. उन्होंने निजी कंपनियों से बीज खरीद को महंगा सौदा बताया. किसानों को एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत मात्र 6 प्रतिशत ब्याज पर ऋण मिल सकता है. झारखंड में केसीसी ऋण समय पर चुकाने पर बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के उपलब्ध है. उपायुक्त ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया कि पंचायत से केसीसी के आवेदन निष्पादित किए जाएं. उन्होंने कोल्ड स्टोरेज की योजना लेने की बात कही ताकि किसान अपने उत्पाद सुरक्षित रख सकें. बैठक में उपायुक्त ने पंचायत प्रतिनिधियों को निर्देश दिया कि वे प्रत्येक माह आमजनों के साथ बैठक करें और समस्याओं को बातचीत से सुलझाने का प्रयास करें. प्रखंड विकास पदाधिकारी को भी समय-समय पर आमजनों की समस्याएं सुनने और उनका समाधान करने की बात कही ताकि प्रशासन और जनता के बीच विश्वास मजबूत हो. पलायन की समस्या पर उपायुक्त ने चिंता जताई और कहा कि इसे रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ाने होंगे. उन्होंने सुझाव दिया कि किसान एक ही तरह की फसल सामूहिक रूप से उगाएं ताकि उसे बेहतर मूल्य मिल सके. पशुधन विकास योजना के तहत बकरी, मुर्गी, बत्तख पालन तथा गव्य विकास योजना में गाय पालन को अपनाने की सलाह दी. तालाबों में मत्स्यपालन कर आय बढ़ाने की बात भी कही. सिंचाई की समस्या पर उपायुक्त ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण बारिश का पानी नीचे बह जाता है. इसे रोकने के लिए बोल्डर चेक डैम बनाए जाएं ताकि जल संरक्षित हो और सिंचाई के लिए उपयोग में लाया जा सके. उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों के नियमित संचालन पर जोर दिया और कहा कि बच्चों को मानक के अनुसार भोजन मिले तथा कोई भी बच्चा पोषण से वंचित न रहे. बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय और पंचायत ज्ञान केंद्र में अध्ययन के लिए आने की प्रेरणा दी. नशाखोरी पर चिंता जताते हुए उपायुक्त ने धर्मगुरुओं से अपील की कि वे युवाओं को नशा से दूर रहने की शपथ दिलायें. उन्होंने कहा कि समाज को मिलकर प्रयास करना होगा ताकि कोई भी युवा नशे की गर्त में न जायें. बाल विवाह और डायन प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन के लिए उपायुक्त ने सामाजिक स्तर पर प्रयास करने की बात कही. उन्होंने कहा कि ऐसी कुरीतियों को बढ़ावा देने वालों का बहिष्कार किया जाना चाहिए. बैठक के अंत में उपायुक्त ने ग्रामीणों से अपील की कि वे दोपहिया वाहन चलाते समय नियमित रूप से हेलमेट पहनें. उन्होंने पंचायत ज्ञान केंद्र का निरीक्षण किया और छात्रों से बातचीत की. इस अवसर पर अपर समाहर्ता जितेंद्र मुंडा, प्रखंड विकास पदाधिकारी अरुण उरांव, अंचल अधिकारी अजय कुमार, मुखिया यशोदा उरांव, सीडीपीओ, बीपीओ सुदर्शन पी.ए. लकड़ा, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.
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