पीटीआर फ्लैशबैक 2025 : बाघों का रेस्क्यू, शिकारियों पर नकेल और पर्यटन का नया अध्याय
पीटीआर फ्लैशबैक 2025 : बाघों का रेस्क्यू, शिकारियों पर नकेल और पर्यटन का नया अध्याय
बेतला़ पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के लिए वर्ष 2025 उपलब्धियों, साहसिक अभियानों और दूरगामी फैसलों का वर्ष रहा. जहां एक ओर वन्यजीवों के संरक्षण में सफलता मिली, वहीं दूसरी ओर पर्यटकों की सुविधाओं और बुनियादी ढांचे के विकास में भी नये आयाम स्थापित किये गये. यह वर्ष मुख्य रूप से पीटीआर के इतिहास में राज्य के पहले सफल बाघ रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए याद किया जायेगा. ऐतिहासिक रहा बाघ का रेस्क्यू और तस्करों पर स्ट्राइक : वर्ष की सबसे चर्चित घटना रांची के सिल्ली (मारदू गांव) में भटके हुए बाघ का सफल रेस्क्यू रहा. करीब 12 घंटे तक चले इस कठिन और संवेदनशील अभियान में बिना किसी जान-माल के नुकसान के बाघ को सुरक्षित पीटीआर के घने जंगलों में वापस छोड़ा गया. सुरक्षा के मोर्चे पर भी बड़ी सफलता हासिल हुई जब सांप के जहर की तस्करी करने वाले और वन्यजीवों का शिकार करने वाले शातिर गिरोहों का भंडाफोड़ हुआ. करीब तीन दर्जन से अधिक तस्करों को जेल भेजा गया. इसी बीच, गारू में ””””वन्य प्राणी सप्ताह”””” के दौरान एक सुखद बदलाव दिखा, जहां 24 से अधिक शिकारियों ने स्वेच्छा से अपने हथियारों का त्याग कर भविष्य में कभी शिकार न करने की शपथ ली. पर्यटन में क्रांति : सफारी और ऑनलाइन बुकिंग की शुरुआत : पर्यटन के मानचित्र पर पीटीआर इस वर्ष और मजबूती से उभरा. बेतला नेशनल पार्क और नेतरहाट में पहली बार ””””ओपन सफारी”””” की शुरुआत हुई, जिससे पर्यटक अब खुले वाहनों में जंगल की नैसर्गिक सुंदरता का करीब से दीदार कर पा रहे हैं. इसके साथ ही पर्यटन को डिजिटल बनाने के लिए ऑनलाइन बुकिंग सुविधा शुरू की गयी और केचकी में नये रिसोर्ट की सौगात दी गयी. स्थानीय विधायक और झारखंड सरकार के मंत्रियों ने बेतला-नेतरहाट सर्किट को विकसित करने पर विशेष जोर दिया, जिससे स्थानीय रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ी हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर और विस्थापन का ठोस समाधान : वर्षों से लंबित मंडल डैम परियोजना के लिए सरकार ने 774 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि मंजूर की. इसके साथ ही 780 विस्थापित परिवारों के लिए 15 लाख रुपये और एक एकड़ जमीन की घोषणा कर दशकों पुरानी समस्या का समाधान किया गया. मंडल क्षेत्र की जर्जर सड़कों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने से स्थानीय लोगों को बड़ी राहत मिली है. वहीं, कोर एरिया के जयगीर और कुजरूम गांव के 80 परिवारों को पलामू के पोलपोल में ””””मॉडल गांव”””” के रूप में सफलतापूर्वक बसाया गया है. भविष्य की योजनाएं : टाइगर सफारी और वन्यजीव गणना : बरवाडीह के पुटवागढ़ में राजगीर की तर्ज पर टाइगर सफारी बनाने का प्रस्ताव इस साल की बड़ी उपलब्धि है. इसके तैयार होने पर पर्यटक किसी भी मौसम में बाघ देख सकेंगे. साथ ही, पूरे देश के साथ पीटीआर में भी वन्यजीवों की वैज्ञानिक गणना का कार्य शुरू हो गया है, जिससे बाघों की वास्तविक संख्या के आधिकारिक आंकड़े सामने आ सकेंगे. संक्षेप में, 2025 पीटीआर के लिए संरक्षण और आधुनिकता के बीच संतुलन का वर्ष साबित हुआ.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
