लातेहार पुलिस मुठभेड़ में ढेर जेजेएमपी सुप्रीमो पप्पू लोहरा और सब जोनल कमांडर प्रभात गंझू का हुआ अंतिम संस्कार

Pappu Lohara Last Rites: झारखंड के लातेहार जिले में प्रतिबंधित नक्सली संगठन जेजेएमपी के सुप्रीमो पप्पू लोहरा और सब जोनल कमांडर प्रभात गंझू का आज अंतिम संस्कार कर दिया गया. शनिवार को पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद इनका शव परिजनों को सौंप दिया गया था. आज रविवार को पैतृक गांव में इनकी अंत्येष्टि की गयी.

By Guru Swarup Mishra | May 25, 2025 5:22 PM

Pappu Lohara Last Rites: लातेहार, चंद्रप्रकाश सिंह-प्रतिबंधित नक्सली संगठन जेजेएमपी के सुप्रीमो पप्पू लोहरा का अंतिम संस्कार रविवार को सदर प्रखंड के कोने ग्राम की पहाड़ी नदी के किनारे किया गया. उसके अंतिम संस्कार में कोने समेत आसपास के कई गांवों के लोग शामिल हुए. उसके बड़े पुत्र रविरंजन लोहरा ने उसे मुखाग्नि दी. सब जोनल कमांडर प्रभात गंझू का अंतिम संस्कार उसके पैतृक गांव बालूमाथ थाना क्षेत्र के लक्षीपुर स्थित डोकर नदी के किनारे किया गया. उसके बड़े पुत्र आशीष भोक्ता ने उसे मुखाग्नी दी है. प्रभात गंझू की पांच संतानें हैं. इनमें तीन पुत्रियां और दो पुत्र हैं. शनिवार (24 मई 2025) की सुबह करीब साढ़े पांच बजे पुलिस के साथ मुठभेड़ में जेजेएमपी सुप्रीमो पप्पू लोहरा और सब जोनल कमाडंर प्रभात गंझू मारा गया था.

पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा गया था शव


जेजेएमपी सुप्रीमो पप्पू लोहरा और सब जोनल कमाडंर प्रभात गंझू का शव शनिवार की शाम करीब छह बजे लातेहार सदर अस्पताल लाया गया था, जहां देर शाम विशेष चिकित्सकों की टीम ने दोनो शवों का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया था. आज रविवार की सुबह पप्पू लोहरा का अंतिम संस्कार उसके पैतृक गांव में किया गया.

ये भी पढ़ें: Jharkhand Village: झारखंड की ‘लंका’ में आज भी हैं रावण और विभीषण, त्रेतायुग से इस गांव का क्या है कनेक्शन?

लातेहार, पलामू और लोहरदगा में था आतंक


पप्पू लोहरा पुलिस के लिए सिर दर्द बन चुका था. जेजेएमपी और उसके दस्ते के साथ पुलिस की कई बार मुठभेड़ हुई, लेकिन हर बार वह चकमा दे कर भागने में सफल रहा था, लेकिन इस बार पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव को मिली सटीक सूचना के बाद चलाए गए ऑपरेशन में पप्पू लोहरा अपने एक साथी के साथ पुलिस की गोली से ढेर हो गया. पप्पू लोहरा लातेहार, लोहरदगा और पलामू जिले के लिए आतंक का पर्याय बना हुआ था. कारोबारी, ठेकेदार और रसूखदार लोगों में उसके नाम का काफी दशहत था.

ये भी पढ़ें: Best Tourist Places In Jharkhand: सुग्रीव गुफा, जहां भीषण गर्मी में शिमला की तरह लगेगा कूल-कूल, यहां पधारे थे भगवान श्रीराम