पाप-पुण्य का लेखा-जोखा रखते हैं भगवान चित्रगुप्त

पाप-पुण्य का लेखा-जोखा रखते हैं भगवान चित्रगुप्त

By SHAILESH AMBASHTHA | October 23, 2025 10:07 PM

लातेहार ़ शहर के धर्मपुर स्थित शिव मंदिर के प्रांगण में कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को उल्लास पूर्ण वातावरण में भगवान चित्रगुप्त की पूजा की गयी. इस दौरान कायस्थ समाज के लोगों ने अपने इष्ट देव भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज की सामूहिक रूप से वैदिक मंत्रोचारण से पूजा की. पूजा के बाद महाप्रसाद का वितरण किया गया. मौके पर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के जिला अध्यक्ष विवेक सिन्हा ने बताया कि श्री चित्रगुप्त महाराज संसार के सभी चीजों का लेखा-जोखा रखते हैं. कलम से काम करने वाले सभी लोगों को श्री चित्रगुप्त भगवान की पूजा करनी चाहिए. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सृष्टि की रचना के बाद भगवान ब्रह्मा जी चिंतित हो गयें कि सृष्टि की देखरेख एवं लेखा-जोखा रखने के लिए कोई उपाय नहीं सूझा तो वह 12000 वर्ष की अखंड समाधि में लीन हो गये. कालांतर में जब उनके नेत्र खुले तो सामने सांवले वर्ण का मुस्कुराता सुदर्शन बालक खड़ा था. उसके हाथ में कलम और दवात थी. बियाबान में इस तेजस्वी बालक को देख भगवान ने परिचय पूछा तो बालक ने कहा कि भगवान मैं तो आपकी ही काया से उत्पन्न हुआ हूं. मेरा ना कोई वर्ण है ना कोई परिचय. ब्रह्मा जी ने कहा कि मेरी काया से उत्पन्न हो अत: तुम कायस्थ हुए. समस्त जीवों के कर्म का लेखा-जोखा रखना ही तुम्हारा दायित्व है. पुराणों के अनुसार आदि देव भगवान चित्रगुप्त धर्मराज के दरबार में समस्त प्राणियों के कर्मों के आधार पर स्वर्ग एवं नरक का आवंटन करते हैं. मौके पर मिथिलेश कुमार सिन्हा, लवलेश कुमार सिन्हा, दिलीप सिन्हा, पंकज कुमार सिन्हा, संजय सिन्हा, धनेश सिन्हा, उपेंद्र कुमार सिन्हा, नीरज सिन्हा, अरविंद कुमार सिन्हा, राजेंद्र कुमार सिन्हा, योगेंद्र प्रसाद, संजीव कुमार सिन्हा, उदय सिन्हा, रितेश सिन्हा, अनिकेत सिन्हा समेत कई लोग उपस्थित थे.

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