जतरा झारखंड की लोक आत्मा व परंपरा का प्रतीक : प्रतुल
जतरा झारखंड की लोक आत्मा व परंपरा का प्रतीक : प्रतुल
चंदवा़ भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव गुरुवार को चंदवा पहुंचे. यहां वे लोहरसी गांव में आयोजित सोहराई जतरा में शामिल हुए. जतरा-मेला का फीता काटकर उद्घाटन किया. मौके पर मुखिया जतरू मुंडा भी मौजूद थे. प्रतुल ने कहा कि जतरा-मेला महज एक उत्सव नहीं, यह झारखंड की आत्मा है. यहां लोक संस्कृति, आस्था व समुदाय की एकता जुड़ी है. हमारी मिट्टी में यह परंपरा रची-बसी है, यह हमें अपनी जड़ों से जोड़ती है. आदिवासी समाज ने प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर जीवन जीने की परंपरा विकसित की है. यह आधुनिक समाज के लिए प्रेरणा का विषय है. कार्यक्रम के दौरान श्री शाहदेव ने कलाकारों की सराहना की. इस लोक संस्कृति को नयी पीढ़ी तक पहुंचाने की बात कही. इस दौरान कई गांव से आयी खोड़हा मंडली ने यहां आकर्षक नृत्य दिखाया. प्रतुल भी ढोल-मांदर बजाते दिखे. मौके पर पूरन महतो, पिंटू गिरि, लाल अजीत नाथ शाहदेव, राजकुमार भगत, चंद्रदेव उरांव, सोनू भगत, रामचंद्र भगत, रति भगत, चरबा उराव, अनिल उरांव, कृष्णा मुंडा समेत अन्य लोग मौजूद थे. दामोदर गांव में धूमधाम से मना आदिवासी सोहराई जतरा : कामता पंचायत के जोबिया गांव स्थित सरना समिति के लोगों ने भी आदिवासी सोहराई जतरा महोत्सव का आयोजन किया. इसमें जोबिया, दामोदर, अंबादोहर, हिसरी समेत अन्य गांव से खोड़हा मंडली पहुंची थी. मांदर की थाप पर झूमती दिखी. पाहन सुले उरांव व सरना समिति के लोगों ने पूजन के बाद कार्यक्रम शुरू किया. मुख्य अतिथि कामता पंसस अयूब खान ने जतरा महोत्सव का उद्घाटन किया. कहा कि आदिवासी समाज की एकजुटता व सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है जतरा. मौके पर मुखिया नरेश भगत, संजीव कुमार, दिनेश उरांव, कुलेश्वर रवि, राकेश बेक समेत अन्य लोग मौजूद थे.
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