कोडरमा. होलिका दहन 14 मार्च को है. इस दौरान होलिका दहन होता है. हालांकि पेड़-पौधों की कटाई पर रोक की वजह से लोगों को सूखी लकड़ी की व्यवस्था करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में कोडरमा और इसके आसपास इलाके में होलिका दहन का आयोजन करनेवाले लोगों के लिए अब राहत भरी खबर है़ श्री कोडरमा गोशाला समिति द्वारा गोशाला परिसर में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए गोबर से लकड़ी (गोकाष्ठ) तैयार की जा रही है. समिति के सह सचिव अरुण मोदी ने बताया कि गोबर की लकड़ी बनाने के लिए 80 प्रतिशत गोबर और 20 प्रतिशत लकड़ी का बुरादा या कोयला के बुरादा का प्रयोग किया जाता है. गोबर और लकड़ी के बुरादे का मिक्सचर बनाने के बाद मशीन के जरिए उसे लकड़ी का रूप दिया जाता है. प्रत्येक लकड़ी करीब आधे फीट गोल और चार फीट लंबी होती है. मशीन द्वारा तैयार होने के बाद इसे छह दिन तक धूप में सुखाया जाता है. समिति द्वारा 10 रुपये किलो के हिसाब से गोबर की लकड़ी उपलब्ध करायी जा रही है.
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