रांची-पटना मुख्‍य मार्ग : लाइफ लाइन सड़क जाम, यात्री करते रहे त्राहिमाम

प्रतिनिधि, कोडरमा... दो राज्य की राजधानियों को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़क एनएच-31 पर बीती रात करीब 11 बजे गैस लदे टैंकर के पलट जाने के बाद हो रहे रिसाव के कारण आवागमन ठप रहा तो इसका असर घंटों तक दिखा. जाम में फंसे वाहनों के यात्री बारिश के मौसम में भी परेशान दिखे. खासकर कोलकाता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2019 10:11 PM

प्रतिनिधि, कोडरमा

दो राज्य की राजधानियों को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़क एनएच-31 पर बीती रात करीब 11 बजे गैस लदे टैंकर के पलट जाने के बाद हो रहे रिसाव के कारण आवागमन ठप रहा तो इसका असर घंटों तक दिखा. जाम में फंसे वाहनों के यात्री बारिश के मौसम में भी परेशान दिखे. खासकर कोलकाता व दूर दराज से आ रहे बस पर सवार यात्रियों की परेशानी बढ़ गयी. कोलकाता से बस पर सवार होकर बिहार जा रहे राजू राम, सुधीर दास, अमृत दास व सत्येंद्र शर्मा आदि ने बताया कि वे रात करीब तीन बजे से जाम में फंसे हैं. समझ में नहीं आ रहा है कि जाम कब खुलेगा और हम अपने घर कब पहुंचेंगे.

वहीं वाहनों की आवाजाही बंद किये जाने से इस मार्ग से बाबा धाम देवघर जाने वाले कांवरिया भी फंस गये. कांवरियों का जत्था जगह-जगह दिखा. लोग जाम खुलने का इंतजार करते रहे. इसके अलावा वाहनों की कतार कोडरमा के हनुमान मंदिर के पास से लेकर चाराडीह तक पहुंच गया तो इसमें तिलैया से कोडरमा व डोमचांच के बीच चलने वाले ऑटो भी फंस गये. जाम के कारण ऑटो पर सवार कई यात्री पैदल ही चलकर तिलैया व कोडरमा पहुंचे.

जाम के कारण कोडरमा घाटी से लेकर चाराडीह करमा तक दिन भर अफरा-तफरी का माहौल रहा. हालांकि, शाम चार बजे के बाद स्थिति सामान्य हो गई. इससे पहले वाहनों का दबाव इस सड़क पर कम करने के लिए कोडरमा पुलिस ने देर रात में ही बरही व बिहार के रजौली पुलिस से संपर्क साधा और उधर से आने वाले वाहनों को टर्नअप करवाने की अपील की. इस कारण जाम और नहीं बढ़ा. हालांकि, कई लोग अनजाने में वाहन लेकर इस मार्ग पर घुसे और जाम में फंस गये. ऐसे लोगों को जाम से निकलने में घंटों समय लग गया.

खुद घंटों कैंप किए रहे एसपी व एसडीओ

घंटों आवाजाही बंद होने के कारण यात्रियों को हो रही परेशानी को देखते हुए पुलिस व प्रशासन के अधिकारी मुस्तैद दिखे. गैस रिसाव को रोकने के लिए टेक्निकल टीम दोपहर करीब एक बजे पहुंची, पर इससे पहले एसपी डॉ एम तमिल वाणन, एसडीओ विजय वर्मा, एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद, सीओ अशोक राम, थाना प्रभारी आरके ठाकुर मौजूद थे.

अधिकारियों ने अपनी मौजूदगी में आटा का लेप लगवाकर फायर बिग्रेड की टीम की मदद से काफी हद तक गैस रिसाव को बंद कराया. यही नहीं एहतियात के तौर पर हवा में गैस की मात्रा मापने के लिए मशीन लाकर निगरानी की जा रही थी. अधिकारी इस मशीन से लगातार आसपास के क्षेत्र में गैस की मात्रा बढ़ तो नहीं रही है इसका आकलन करते रहे. ज्यादा मात्रा पाए जाने पर वाहनों की आंशिक आवाजाही भी रोक दी जा रही थी.

जांम में फंसी टीम को खुद लेकर पहुंचे एसडीओ

हजारीबाग से आ रही टेक्निकल टीम में आपरेशन आफिसर मधुकांत के अलावा राजेंद्र कुश्वाहा व मुकेश कुमार शामिल थे. टीम के आने में देरी हुई तो बातचीत के दौरान पता चला कि ये चाराडीह में जाम में फंस गये हैं. ऐसे में एसडीओ विजय वर्मा खुद वहां पहुंचे व टीम को एक्कार्ट कर घटनास्थल पर पहुंचे. इससे पहले अधिकारी सुबह से घटनास्थल पर मौजूद रहे और रिसाव बंद करने के कार्य की मानिटरिंग करते दिखे.

घाटी व तीखे मोड़ के कारण अक्सर होता है हादसा

कोडरमा घाटी में तीखे मोड़ के कारण अक्सर हादसे होते रहते हैं. इससे पहले फरवरी माह में भी गैस से लदा टैंकर पलट जाने से घंटों परिचालन को रोकना पड़ा था. बताया जाता है कि बागीटांड के आगे घाटी क्षेत्र में प्रवेश के बाद तीखे मोड़ व घुमावदार प्वाइंट को लेकर सही से बोर्ड नहीं लगाया गया है. ऐसे में रात के समय वाहनों के चालक को तीखा मोड़ दिखता नहीं है और तेज गति में वाहन होने के कारण ये हादसे होते हैं.