लोकसभा चुनाव 2019 : अन्नपूर्णा ने RJD का ‘लालटेन’ छोड़ BJP का ‘कमल’ थामा

रांची/कोडरमा/नयी दिल्ली : राष्ट्रीय जनता दल की झारखंड प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गयीं. राष्ट्रीय राजधानी नयी दिल्ली में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव की उपस्थिति में अन्नपूर्णा औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हो […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 25, 2019 2:13 PM

रांची/कोडरमा/नयी दिल्ली : राष्ट्रीय जनता दल की झारखंड प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गयीं. राष्ट्रीय राजधानी नयी दिल्ली में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव की उपस्थिति में अन्नपूर्णा औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हो गयीं. उनके साथ जनार्दन पासवान ने भी भाजपा की सदस्यता ले ली.

इसके पहले राष्ट्रीय जनता दल ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया. गौतम सागर राणा को झारखंड राजद का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. चर्चा है कि अन्नपूर्णा देवी सोमवार को नयी दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता लेंगी. अन्नपूर्णा के राजद छोड़ने के फैसले से कोडरमा में उनके कट्टर समर्थकों में भारी निराशा है.

दिल्ली रवाना होने से पहले अन्नपूर्णा देवी ने सोमवार को दिउरी मंदिर में पूजा-अर्चना की. बताया जाता है कि इस दौरान भी उनके समर्थकों ने उन्हें मनाने की कोशिश की, लेकिन अन्नपूर्णा नहीं मानीं. हालांकि, पिछले दिनों जब सोशल मीडिया में राजद की झारखंड प्रदेश अध्यक्ष के भाजपा में शामिल होने की खबरें चलीं, तो अगले ही दिन उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इसका खंडन किया.

अन्नपूर्णा देवी ने साफ-साफ कहा था कि वह राजद में हैं और आगे भी रहेंगी. उन्होंने भाजपा सरकार को पराजित करने के लिए बने महागठबंधन को मजबूत बनाने की बात कही थी. लेकिन, अचानक उनके यू-टर्न लेने और रविवार को भाजपा दफ्तर पहुंचने के बाद झारखंड में महागठबंधन को तगड़ा झटका लगा.

ऐसी चर्चा है कि अन्नपूर्णा देवी कोडरमा या चतरा संसदीय क्षेत्र में से किसी एक सीट पर चुनाव लड़ सकती हैं. महागठबंधन में कोडरमा सीट झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के खाते में गयी है. यहां से जेवीएम (पी) सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी का चुनाव लड़ना लगभग तय है. चूंकि वामदल महागठबंधन में शामिल नहीं हैं, भाकपा (माले) के राजकुमार यादव भी चुनाव मैदान में कूदेंगे. ऐसे में इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होगा और महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

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