प्राकृतिक खेती किसानों की आय बढ़ाने का स्थायी माध्यम : डॉ शिशिर
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्यशाला आयोजित की गयी.
खूंटी. प्राकृतिक खेती और संसाधन प्रबंधन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गुरुवार को डीपीआरसी भवन, खूंटी में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गयी. कार्यक्रम का आयोजन प्रदान संस्था द्वारा पंचायती राज विभाग, खूंटी के सहयोग से किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ शिशिर कुमार सिंह, जिला पंचायती राज पदाधिकारी तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में डीपीएम शशि किरण मिंज मौजूद थी. इस अवसर पर पशुपालन, मत्स्य पालन, ग्रामीण विकास, पंचायती राज विभागों के प्रतिनिधि, अड़की प्रखंड प्रमुख तथा जेएसएलपीएस के पदाधिकारी भी शामिल हुए. मुख्य अतिथि डॉ. सिंह ने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में सशक्त पंचायतों की अहम भूमिका है. प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और मनरेगा योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के माध्यम से सतत विकास संभव है. प्राकृतिक खेती न केवल पर्यावरण संरक्षण का साधन है, बल्कि किसानों की आय बढ़ाने का स्थायी माध्यम भी है. विशिष्ट अतिथि शशि किरण मिंज ने कहा कि जिले की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए पंचायतों को जीपीडीपी योजनाओं में प्राकृतिक खेती को शामिल कर इसे ग्रामीण विकास से जोड़ना चाहिए. कार्यशाला में पंचायत प्रतिनिधियों एवं विभिन्न विभागों के प्रतिभागियों ने जैविक खेती, स्थानीय संसाधनों के संरक्षण और सतत आजीविका पर विचार साझा किये. प्रदान संस्था के प्रतिनिधियों ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से जिले में चल रही प्राकृतिक खेती के मॉडल और किसानों की क्षमता-विकास की पहल की जानकारी दी.
प्राकृतिक खेती एवं संसाधन प्रबंधन पर कार्यशाला आयोजित
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
