गंभीर नवजात को एसएनसीयू में करें भर्ती

सीएस कार्यालय में तीन दिवसीय सहिया प्रशिक्षण जारी शून्य से 28 दिन के नवजात में मृत्यु का खतरा अधिक जामताड़ा : सदर अस्पताल स्थित सीएस कार्यालय सभागार में सहिया प्रशिक्षण बुधवार को जारी रहा. दूसरे दिन जामताड़ा व नारायणपुर के सभी सहिया ने भाग लिया़ मौके पर प्रशिक्षक डीपीसी पंकज कुमार व आशीष मिश्रा ने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 19, 2018 5:04 AM

सीएस कार्यालय में तीन दिवसीय सहिया प्रशिक्षण जारी

शून्य से 28 दिन के नवजात में मृत्यु का खतरा अधिक
जामताड़ा : सदर अस्पताल स्थित सीएस कार्यालय सभागार में सहिया प्रशिक्षण बुधवार को जारी रहा. दूसरे दिन जामताड़ा व नारायणपुर के सभी सहिया ने भाग लिया़ मौके पर प्रशिक्षक डीपीसी पंकज कुमार व आशीष मिश्रा ने सहिया को कई जानकारी दी. डीपीसी श्री कुमार ने कहा कि गांव में अति जोखिम वाले शिशुओं की पहचान, रेफरल एवं अनुश्रवण का कार्य सहिया को करनी है. सहिया अपने क्षेत्र के अधिक जान जोखिम वाले बच्चों को चिह्नित कर सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू में भर्ती करायें. कहा शून्य से 28 दिनों के नवजात शिशुओं को मृत्यु का खतरा सबसे ज्यादा होता है. इसलिए इस नाजुक समय के दौरान शिशु के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. कहा यही के जीवित रहने एवं स्वास्थ्य जीवन का आधार है. झारखंड में प्रतिवर्ष आठ लाख नवजात जन्म लेते हैं,
जिनमें से लगभग दस प्रतिशत बच्चे अति जोखिम की श्रेणी में आते हैं और उनमें से कुछ बच्चों को संस्थागत इलाज की जरूरत होती है. कहा इन अति जोखिम वाले शिशुओं का इलाज जिला अस्पतालों में स्थित एसएनसीयू में किया जाता है. डीपीसी श्री कुमार ने कहा कि एसएनसीयू से डिस्चार्ज शिशु, कम वजन वाले शिशु एवं समय से पूर्व जन्म लेने वाले शिशु अति जोखिम वाले की श्रेणी में आते हैं. इन बच्चों में शारीरिक एवं मानसिक विकास की कमी और इनमें सामान्य शिशुओं की तुलना में मृत्यु होने की संभावना अधिक रहती है. बता दें कि तीन दिवसीय सहिया प्रशिक्षण में तीसरे दिन गुरुवार को नाला व कुंडहित प्रखंड के सभी सहिया प्रशिक्षण में भाग लेंगे. मौके पर बीटीटी प्रजीत कुमार, काजल तुरी, बलदेव मरांडी, शांतिलता हेम्ब्रम, सहिया अंजु देवी, तमन्ना प्रवीण, मेनका देवी, हमीला बीबी, गायत्री देवी, गुड्डी देवी, निराला देवी, मिरोदी सोरेन सहित अन्य थे.

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