जमशेदपुर के कचरा डंपिंग मामले को लेकर एनजीटी गंभीर, मांगा हलफनामा, 14 मार्च को अगली सुनवाई

जमशेदपुर स्थित सोनारी दोमुहानी के पास सुवर्णरेखा नदी किनारे कचरा डंपिंग करने और उसे जलाने से हो रहे प्रदूषण के खिलाफ एनजीटी में सुनवाई हुई. इस मौके पर बेंच ने जिला प्रशासन को दो सप्ताह के अंदर हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है. वहीं, इस मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी.

By Prabhat Khabar Print Desk | February 26, 2023 4:15 PM

Jharkhand News: पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत जमशेदपुर स्थित सोनारी दोमुहानी के पास सुवर्णरेखा नदी किनारे कचरा डंपिंग करने और उसे जलाने से हो रहे प्रदूषण के खिलाफ सोनारी निवासी केएस उपाध्याय की याचिका पर एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने सुनवाई करते हुए इसे गंभीरता से लिया है. एनजीटी की ईस्टर्न जोन कोलकाता बेंच के जूडिशियल मेंबर बी अमित स्थेलखर, एक्सपर्ट मेंबर डॉ अफरोज अहमद ने वादी केएस उपाध्याय की शिकायत पर सुनवाई करते हुए कहा कि आश्चर्य है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी जमशेदपुर के निष्कर्षों के बावजूद झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कोई उपचारात्मक उपाय नहीं सुझाया है और न ही निरीक्षण रिपोर्ट भी दाखिल की है.

झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की उदासीनता से नाराज बेंच

बेंच ने आदेश में कहा कि झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उसके अधिकारियों की उदासीनता और गैर-गंभीरता को दर्शाता है. एनजीटी ने झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह के असावधान हलफनामे दाखिल करने का उन्हें कहीं गंभीर दुष्परिणाम भुगतना न पड़े. इसलिए बेंच झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश देता है कि प्रतिवादी नंबर-1 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड निरीक्षण रिपोर्ट दर्ज करने के साथ-साथ उल्लंघनकर्ता द्वारा किये जाने वाले उपचारात्मक और कार्रवाइयों का उपाय करे.

दो सप्ताह के अंदर हलफनामा दायर करने का आदेश

बेंच ने बोर्ड के अधिकारियों को इसके लिए दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने का आदेश दिया. वहीं, केस की दूसरी प्रतिवादी पूर्वी सिंहभूम की उपायुक्त विजया जाधव वर्चुअल रूप से पेश हुई. उनकी ओर से वकील ऐश्वर्य राजेश्वरी ने एनजीटी के समक्ष प्रति-शपथ पत्र दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा है. उपायुक्त को केस में 14 मार्च, 2023 को शपथ पत्र दाखिल करने का आदेश दिया है. अब मामले की सुनवाई 14 मार्च को होगी. एनजीटी कोर्ट में सोनारी निवासी केएस उपाध्याय की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता संजय उपाध्याय, अधिवक्ता सौमित्र जायसवाल वर्चुअल पेश हुए और दलील दी.

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नागरिकों का जीवन खतरे में डालने का आरोप

सोनारी निवासी केएस उपाध्याय ने एनजीटी में मुकदमा दायर कर केंद्न एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अलावा पूर्वी सिंहभूम की उपायुक्त, जमशेदपुर अक्षेस और टाटा स्टील युटिलीटीज एंड इंफ्रास्ट्राचकर सर्विसेज लिमिटेड (पूर्ववर्ती जुस्को) को प्रतिवादी बनाया है. अपनी याचिका में उन्होंने उपरोक्त सभी पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों का उल्लंघन कर नागरिकों का जीवन खतरा में डालने का आरोप लगाया.

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